वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत से लेकर संसद तक एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। पहले उनके प्रतिबंध आदेश पर रोक लग दी गई और अब अमरीकी सीनेट की खुफिया मामलों की समिति ने फोन टैपिंग कराने के उनके आरोप को खारिज कर दिया है।
ट्रंप ने आरोप लगाया था कि ओबामा प्रशासन ने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप टावर के फोन कॉल्स रिकार्ड कराए थे। इस बयान को लेकर पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने उनकी कड़ी निंदा की थी। लेकिन ह्वाइट हाउस ने इस प्रकरण की जांच के लिए अमरीकी कांग्रेस से औपचारिक रूप से निवेदन किया था।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार सीनेट की समिति ने कहा कि चुनाव से पहले या चुनाव के बाद निगरानी रखे जाने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। समित के अध्यक्ष रिपब्लिकन सांसद रिचर्ड वर्र ने राष्ट्रपति के फोन टैप किए जाने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
इससे पहले गुरुवार को ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव’ (प्रतिनिधि सभा) के अध्यक्ष पॉल रायन ने भी फोन टैपिंग के आरोप को नकार दिया था। रायन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि रूस के मामले में खुफिया समितियों की जांच जारी है। जांच का दायरा भी बढ़ा है और यह तह तक पहुंच चुकी है। अभी तक यही पता चला है कि कोई फोन टैपिंग नहीं हुई है।
हालांकि टीवी चैनल फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने था कि फोन टैपिंग के दायरे में कई तरह की चीजें शामिल हैं और उन्होंने उम्मीद जताई थी कि आने वाले दिनों में कुछ दिलचस्प चीजें सामने आएंगी।