जोधपुर। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम की जमानत पर पैरवी करने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी मंगलवार को जोधपुर नहीं आए। आसाराम की ओर से जमानत पर बहस के लिए समय मांग लिया गया।
स्वामी के नहीं आने पर आसाराम से पूछा गया तो वे इतना ही बोले- आएंगे ही। आसाराम के मामले की सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट डिस्ट्रिक्ट पर सुरक्षा के आम दिनों से पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
पुलिसकर्मी भी ज्यादा मुस्तैद नजर आ रहेु थे। पुलिस उपायुक्त पूर्व डीसीपी ईस्ट राहुल जैन खुद सुरक्षा प्रबंधों की कमान संभाले हुए थे। ये इंतजाम भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के आने की संभावना के कारण किए गए थे।
आज भी कल की तरह आसाराम के अनुयायी बड़ी संख्या में उमड़े हुए थे। सभी संभावनाओं और अटकलों के बीच स्वामी नहीं आए। आसाराम को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। आसाराम के वकील ने जमानत अर्जी पर बहस के लिए समय मांग लिया। सेशन जज ने इसके लिए दो जून की तारीख मुकर्रर कर दी।
पेशी के बाद जब आसाराम को वापस जेल ले जाया जा रहा था तो एक पत्रकार के प्रश्न पर आसाराम ने सुब्रमण्यम स्वामी के अपनी पैरवी के लिए आने का भरोसा जताया और बड़े ही ठोस लहजे में कहा-आएंगे ही।
आसाराम को उनके खिलाफ अहमदाबाद में बलात्कार के मामले में आरोप सुनने के लिए नहीं ले जाया सकेगा। जोधपुर जेल अधीक्षक विक्रम सिह ने कोर्ट प्रार्थना पत्र पेश कर पुलिस बल की कमी का हवाले देते हुए आसाराम को अहमदाबाद ले जाने में असमर्थता जताई।
कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए आसाराम को अहमदाबाद नहीं ले जाने की छूट दे दी। गौरतलब है कि दो बहनों के यौन शोषण के मामले में आसाराम को अहमादाबाद के कोर्ट में 27 मई को आरोप सुनाए जाने हैं।
आसाराम मामले में जांच अधिकारी की सहयोगी रही पुलिस उप निरीक्षक मुक्ता पारीक का आज बयान होना थाए लेकन आसाराम के वकील इससे संबंधित एक याचिका हाईकोर्ट में लम्बित होने का हवाला देकर इस पर बहस नहीं की। मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी जिसमें पुलिस उप निरीक्षक नितिन दवे को बयान के लिए तलब किया गया है।