गाजियाबाद। वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को ब्लैकमेल करने के आरोप में गाजियाबाद स्थित उनके घर से हिरासत में ले लिया। वर्मा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस के एक दल ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर शुक्रवार को इंदिरापुरम स्थिति वर्मा के घर में छापा मारा और 500 सीडी, एक लैपटॉप, एक पेनड्राइव और दो लाख की नकदी बरामद की।
छत्तीसगढ़ पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता और पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने कहा कि रायपुर निवासी भाजपा नेता प्रकाश बजाज ने शिकायत दर्ज कराई कि वर्मा उनसे ‘सेक्स टेप’ होने का दावा कर जबरन वसूली की कोशिश कर रहे हैं।
बजाज ने पुलिस से कहा कि उन्होंने शुरुआत में वर्मा की जबरन वसूली के फोन को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन बुधवार को वर्मा ने उन्हें धमकी दी कि अगर वह पैसे नहीं देंगे तो वह उनके सेक्स टेप को रायपुर में सार्वजनिक कर देंगे।
अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम को निर्देश दिया, जो एक अलग मामले को लेकर दिल्ली में मौजूद थी, और पुलिस टीम ने गाजियाबाद पहुंचकर वर्मा को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद वर्मा ने अपने साथी पत्रकारों से कहा कि वह बेगुनाह हैं, और उन्होंने फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है और मेरा उन सीडी के साथ कोई लेना-देना नहीं है।
इंस्पेक्टर सुशील दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए उनसे मदद मांगी। दुबे के अनुसार उन्होंने हमें बताया कि रायपुर जिले के भाजपा नेता प्रकाश बजाज की शिकायत पर पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। दुबे ने बताया कि हमने छत्तीसगढ़ पुलिस की मदद की, हमारी भूमिका यहीं तक सीमित थी।