मुंबई। प्रतिभूति बाजार पर कर के बारे में प्रधानमंत्री की हाल की टिप्पणियों की चर्चा का असर सोमवार (27 दिसंबर) को शेयर बाजारों दिखाई दिया जहां बिकवाली दबाव के चलते बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 234 अंक लुढ़क कर 25,807 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सात महीने के निचले स्तर 7,908 अंक पर आ गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बाजार भागीदारों को देश निर्माण में उचित, दक्ष और पारदर्शी तरीके से योगदान करना चाहिए। मोदी ने ‘और मजबूत व सोची समझी नीतियों व सुधारात्मक कदमों’ का वादा किया।
बाजार के एक वर्ग ने इसे शेयरों में निवेश पर दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर के रूप में उंचे कराधार का संकेत माना। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को स्पष्ट किया कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है, वहीं निवेशकों में घबराहट फैल चुकी थी।
चौतरफा बिकवाली दबाव के कारण बीते नौ दिनों में 8वीं बार सेंसेक्स में गिरावट आई। बीएसई का तीस शेयर आधारित सेंसेक्स सुबह कमजोर खुला और अंतत: यह 233.60 अंक की गिरावट दिखाता हुआ एक महीने के निचले स्तर 25,807.10 अंक पर बंद हुआ। शुकवार को यह 61.10 अंक चढ़ा था।
वहीं निफ्टी 7,900 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 7,893.80 अंक तक लुढ़का और 77.50 अंक की गिरावट दिखाता हुआ 7908.25 अंक पर बंद हुआ। इससे हपले 24 मई को सेंसेकस 7,748.85 अंक पर बंद हुआ था।
कारोबारियों का कहना है कि दिसंबर महीने के व्युत्पन्न खंड सौदों की अवधि गुरुवार को समाप्त हो रही है जिसके मद्देनजर छिटपुट लिवाली ने गिरावट को थामा। विदेशी पूंजी निवेशकों ने बाजार से हाथ खींच रखे हैं। बिकवाली दबाव से सिप्ला का शेयर 4.94 प्रतिशत, लूपिन का 2.78 प्रतिशत, टाटा स्टील का 2.64 प्रतिशत व ओएनजीसी व एसबीआई का शेयर 2.07 प्रतिशत टूटा। वहीं एचयूएल, भारती एयरटेल व टीसीएस का शेयर मजबूत हुआ।