श्रीनगर/नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने कश्मीरी अलगाववाद के संस्थापकों में से एक शब्बीर शाह को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने शाह को कथित तौर पर पाकिस्तान से पैसा लेकर कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
शब्बीर शाह को मंगलवार शाम श्रीनगर के पास संत नगर के उसके निवास से धन शोधन के आरोप में हिरासत में लिया गया। शाह को बुधवार को दोपहर बाद दिल्ली लाया गया। यहां अदालत ने ईडी को उससे सात दिनों के लिए पूछताछ करने की इजाजत दे दी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ईडी ने दिल्ली की एक अदालत से शाह के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट पर कार्रवाई की। यह गिरफ्तारी हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी द्वारा शाह को 2.25 करोड़ रुपये हवाला के जरिए देने का खुलासा करने के बाद की गई।
शाह (64) डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह जम्मू एवं कश्मीर पीपुल्स लीग से जुड़े रहे हैं। यह एक राजनीतिक संगठन है, जो कश्मीर को पाकिस्तान में विलय की मांग करता है।
शाह ने 1990 के अंत में डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी का गठन किया, जो आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लड़ती है। शाह की डीएफपी सैयद शाह गिलानी के अलगाववादी संगठन, हुर्रियत कांफ्रेस का एक हिस्सा है।
शब्बीर शाह को भारत विरोधी कश्मीर अलगाववादी युद्ध का मास्टरमाइंड माना जाता है। राज्य में 1980 में आतंकवाद बढ़ने से पहले से शाह ने अपना ज्यादातर जीवन सलाखों के पीछे बिताया है।
शाह 1988 और 1989 में भूमिगत हो गए थे और अगस्त 1989 में गिरफ्तार होने से पहले उन पर कश्मीर अलगाववादी आंदोलन को निर्देशित करने का आरोप है। शाह पर 2008 के अमरनाथ भूमि आंदोलन और 2010 में कश्मीर में अशांति फैलाने का आरोप है।
बीते 29 साल से जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी अभियान में शाह पर हवाला सहित कई स्रोतों के जरिए भारी धन जमा करने का आरोप है।
ताजा आरोप अगस्त 2005 के एक मामले से जुड़ा है, जिसके तहत दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने वानी को कथित तौर पर हवाला कारोबार में गिरफ्तार किया था।
वानी ने कबूल किया है कि उसने शाह को 2.25 करोड़ रुपए दिए थे। ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह गिरफ्तारी कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया था, जिन्हें मंगलवार को दिल्ली में एनआईए की अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए सातों अलगाववादियों को 10 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया। इन सभी पर कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिए पाकिस्तान से धनराशि लेने का आरोप है।