श्रीनगर। प्रशासन ने शनिवार को कश्मीरी अलगाववादी नेताओं द्वारा श्रीनगर में वरिष्ठ हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पर मानवाधिकार उल्लंघन पर संगोष्ठी आयोजित करने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक भूमिगत हो गए।
यह संगोष्ठी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के नेतृत्व में होने वाला था। अमरीका के जेरूसलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विरोध में मलिक रविवार को अलगाववादियों की रैली का नेतृत्व करने वाले थे।
गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादी समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने उनके हैदरपुरा स्थित आवास पर संगोष्ठी आयोजित की थी।
संगोष्ठी का विषय ‘कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन और विश्व समुदाय का आपराधिक मौन’ था। लेकिन गिलानी के घर के बाहर भारी संख्या में मौजूद पुलिस और अर्धसैनिक बल ने किसी को भी घर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके चलते संगोष्ठी नहीं हो पाई।
गिलानी करीब एक साल से घर में नजरबंद हैं, क्योंकि प्रशासन को भय है कि अलगाववादी विरोधों में उनके शामिल होने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। पुलिस ने गुरुवार को उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया।