जम्मू। प्रदेश की पीडीपी-भाजपा गंठबंधन सरकार की ओर से कश्मीरी पंिडतों के लिए घाटी में टाउनशिप विकसित करने के निर्णय को विरोध शुरू हो गया है। अलगाववादी संगठनों ने सरकार के इस निर्णय के विरोध में शनिवार को घाटी बंद का आहवान भी किया है।
हुर्रियत (जी) के अलगाववादी नेता सईद अलीशाह गिलानन ने इस फैसले का विरोध करते हुए बुधवार को कहा कि मुफ्ती सरकार ने आरएसएस व भाजपा के आगे घुटने टेक दिये हैं। इस निर्णय को कश्मीर विरोधी बताते हुए गिलानी ने कहा कि उन्होंने कश्मिरियों से अपील की कि वह शुक्रवार को नमाज के बाद इस निर्णय के विरोध में प्रदर्शन करें और शनिवार को बंद का समर्थन करके वह इस निर्णय के प्रति अपने विरोध को दर्शाएं। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह तथा कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफती मोहम्मद सईद के बीच हुई बैठक में घाटी में कश्मीरी पंडितों को रहने के लिए टाउनशिप विकसित करने का निर्णय किया, जिसके लिए कश्मीर सरकार ने जमीन मुहैया करवाने पर सहमति जताई।
इधर, जेकेएलएफ ने इस निर्णय के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन और शनिवार को घाटी बंद का आहवान किया। इसके चेयरमेन यासीन मलिक ने आरोप लगाया कि आरएसएस तथा पीडीपी घाटी को एक नया फिलिस्तीन बनाने की सजिश रच रही है। जेकेएलएफ शुक्रवार को लाल चैक पर प्रदर्शन करेगा। वहीं निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने इस निर्णय को हर समुदाय के लिए हानिकारक करार दिया।
उनका कहना था कि ज्यादातर कश्मीरी पंडित कश्मीर में जाना नहीं जाते, बल्कि सरकार द्वारा दिये जा रहे भत्तों, पैकेजों तथा विशेषाधिकारों से खुश है, रशीद ने कहा कि इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है कि कश्मीरी पंडित घाटी में अपने घरों में आने से डरते हैं, उनका दावा था कि कश्मीरी पंडित घाटी में आते हैं और इन लोगों ने कभी भी अपने मुस्लिम पडोसियों की शिकायत नहीं की। वहां उन्हें उनके मुस्लिम पडोसियों से किसी प्रकार का खतरा है।