नई दिल्ली। एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में प्रस्तावित कई क्षेत्रों की रियायतों में कटौतियां शुरू हो जाएंगी, तो कई वस्तुओं के दामों बढ़ोतरी हो जाएगी। रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में छह रुपए की वृद्धि होगी, तो माल ढुलाई भाड़ा भी बढ़ जाएगा।
खास बात यह है कि बीते सौ सालों से ग्रामीण भारतीय के बैंक के रूप में प्रख्यात मनीऑर्डर सेवा भी बंद हो जाएगी। टेलीग्राफ के बाद डाक सेवाओं में यह दूसरी सेवा होगी, जिसे समाप्त किया जा रहा है।
एक अप्रैल यानि बुधवार से रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्म का दाम दोगुना होकर दस रुपए हो जाएगा। वहीं, अनाज, दालों, यूरिया, कोयला व सीमेंट की रेल से ढुलाई दस प्रतिशत तक महंगी होने जा रही है। रेल बजट 2015-16 में मालढुलाई में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है। अब यात्रा के टिकट 120 दिन पहले बुक कराए जा सकेंगे। अभी टिकट साठ दिन पहले बुक कराए जा सकते हैं।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट में हालांकि यात्री किरायों में बढ़ोतरी नहीं की है लेकिन मालभाड़े में औसतन 3.2 फीसदी की वृद्धि की गई है। इसका सीधा असर आवश्यक जिंसों के ग्राहकों के अलावा इस्पात व अल्युमीनियम उद्योग पर पड़ेगा। अगले वित्त वर्ष से अनाज, दालों और यूरिया की ढुलाई दस प्रतिशत महंगी होगी।
वहीं, टेलीग्राफ के बाद अब डाकघर की करीब सौ साल पुरानी मनीऑर्डर सेवा एक अप्रैल से बंद हो जाएगी। इसका मुख्य कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी लोगों का मोबाइल बैंकिंग से लेकर इंटरनेट बैंकिंग पर पूरी तरह से सक्रिय होना है। डाक विभाग ने मनीऑर्डर की जगह तत्काल मनी ऑर्डर सेवा शुरू की है।
मनीऑर्डर सेवा के तहत जैसे ही कोई डाकघर में पैसा भेजने जाता है तो उसे एक कोड नंबर दिया जाता है। उस कोड नंबर को दूसरी पार्टी को फोन करके बताना होता है। फिर वह व्यक्ति डाकघर में कोड बता कर पैसा हासिल कर सकता है।
इसके अलावा, देश के निजी बैंक ग्राहकों से अब एक अप्रैल से सेवाओं के बदले अधिक शुल्क चुकाना होगा।बचत खाते में अनिवार्य न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना भी देना होगा।
इतना ही नहीं, ग्राहकों को नई चेक बुक लेने और खाते में नकद जमा कराने जैसी जरूरी सेवाओं के बदले भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। देश के प्रमुख निजी बैंक आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने ग्राहकों से अधिक शुल्क वसूलने का खाका पहले ही तैयार कर रखा है।
एक अप्रैल से बिजनेस क्लास में हवाई सफर करने पर अब साठ फीसदी किराये पर सेवा कर देना होगा जबकि इकोनॉमी क्लास पर चालीस फीसदी किराये पर सेवा लगेगा।
इससे बिजनेस क्लास का सफर महंगा होगा सरकारी इमारत और सरकारी मकानों के निर्माण पर अब सेवा कर का भुगतान करना होगा। एयरपोर्ट, पोर्ट के निर्माण और इसे जुड़ी गतिविधियों पर अब सेवा कर देना होगा। रेल, ट्रक या जहाज से चाय, कॉफी, चीनी, दूध के उत्पाद और खाद्य तेलों की ढुलाई पर भी सेवा कर लगेगा।
इसके साथ ही, लंबे इंतजार के बाद एक अप्रैल को विदेश व्यापार नीति की घोषणा हो सकती है जिसमें ‘मेक इन इंडिया’ खास केंद्र हो सकता है। इसमें निर्यात कारोबार को आसान करने पर भी जोर दिया जा सकता है। नौ महीने के लंबे इंतजार के बाद निर्यातकों के लिए भी सरकार की ओर से विशेष घोषणा होने की संभावना है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जारी होने वाली इस विदेश व्यापार नीति में बहुत कुछ खास हो सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नए निवेश करने पर खास रियायत देने और विदेशी निवेशकों को निर्यात के लिहाज से यहां फैक्टरी लगाने के लिए बढ़ावा दिया जा सकता है। इतना ही नहीं, कारोबार आसान करने की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार निर्यातकों के लिए लाइसेंस की शर्तों में रियायत देने और कागजी कार्रवाई कम करने पर भी जोर दे सकती है।
अप्रैल के दूसरे हफ्ते में ही सरकार 2015-16 का विनिवेश कार्यक्रम शुरू कर सकती है। बशर्ते, शेयर बाजार की हालत उसके लायक हो। यह अब तक का सबसे बड़ा विनिवेश कार्यक्रम हो सकता है।