नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को बड़ा झटका देते हुए कंपनी को अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बोर्ड की बैठक कर स्वीकृति लेने से मना कर दिया है।
दरअसल कई हाईकोर्टों और कंज्यूमर कोर्ट्स ने यूनिटेक के खिलाफ स्टे आर्डर दे रखा है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कंपनी के खिलाफ मामले चलाने पर स्टे लगा दिया था।
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अमिताभ राय की बेंच ने यूनिटेक द्वारा सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराए गए सोलह करोड़ रुपए को सुप्रीम कोर्ट कैंपस में स्थित यूको बैंक में शॉर्ट टर्म फिक्स डिपॉजिट करने का आदेश दिया ताकि उस पर ब्याज मिलता रहे।
19 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूनिटेक को आदेश दिया था कि खरीददारों को सोलह करोड़ रुपए लौटाए। कोर्ट ने यूनिटेक विस्ता प्रोजेक्ट समय पर पूरा न करने पर ये आदेश सुनाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक से कहा था कि किसी भी अर्थव्यवस्था की नींव भरोसे पर टिकी होती है और भरोसा खत्म होने पर सब कुछ खत्म हो जाता है। कोर्ट में फ्लैट खरीददारों ने कहा था कि उन्हें यूनिटेक पर भरोसा नहीं है।
बिल्डर ने 7 साल पहल प्रोजेक्ट शुरु किया था। कोर्ट ने कहा था कि बिल्डर ने जो अनुबंध किया है उस पर टिकना होगा, ऐसा नहीं होगा कि ये कहावत कही जाए कि रोम एक दिन में नहीं बना था। कोर्ट ने खरीददारों को भी निर्देश दिया था कि वे अपने दस्तावेज जमा कराएं ताकि उन्हें रकम दी जा सके।
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