![सभा में भिड़े तृणमूल के दो गुट, मंच छोड कर लौटे सांसद शुभेंदु अधिकारी सभा में भिड़े तृणमूल के दो गुट, मंच छोड कर लौटे सांसद शुभेंदु अधिकारी](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/01/suben.jpg)
![sevan Trinamool supporters are injured after group clash over party faction in berhampur](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/01/suben.jpg)
बहरमपुर। तृणमूल कांग्रेस के अंदर व्याप्त गुटबाजी एक बार फिर सामने आई। रविवार को मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में आयोजित कार्यकर्ताओं के सभा के दौरान ही तृणमूल के दो गुट आपस में भिड गए।
दोनों गुट एक दूसरे से बहस करते करते अचानक हाथापाई करने लगे एक दुसरे पर कुर्सियां फेंकी। यह देखकर मंच पर मौजूद तृणमूल कांग्रेस के सांसद शुभेंदु अधिकारी मंच छोड़कर वापस लौट गए।
तृणमूल सूत्रों के अनुसार रविवार को रेजिनगर में तृणमूल कार्यकर्ताओं की सभा आयोजित की गई थी उक्त सभा में इलाके पूर्व नेता व तृणमूल से बहिस्कृत किए जाने के बाद हाल ही में पार्टी में शामिल किए गए हुमायूं कबीर के समर्थक भी मौजूद थे।
मगर सभा के दौरान मंच पर हुमायूं कबीर को नहीं देखकर हुमायूं कबीर के समर्थक भड़क गए व वहां मौजूद अन्य तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के साथ भिड़ गए। अपने आंखों के सामने हुए इस घटना से क्षुब्ध होकर तृणमूल सांसद शुभेंदु अधिकारी मंच छोड़कर वापस लौट गए।
सूत्रों के अनुसार इस घटना में सात तृणमूल कार्यकर्ता घायल हो गए। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद स्थानीय अस्पताल से छुट्टी दे दी गई हैं| उल्लेखनीय हैं कि हुमायुं कबीर का राजनीतिक सफर कांग्रेस के साथ शुरू हुआ था।
2011 के विधानसभा चुनाव में वे मुर्शिदाबाद के रेजीनगर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। बाद में वे कांग्रेस छोड कर तृणमूल में शामिल हो गए थे। तृणमूल का दामन थामते ही उन्हें मंत्री बना दिया गया था।
2013 में रेजीनगर विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार के तौर पर हुमायुं को पराजय का सामना करना पडा था। हालांकि इसके बाद भी वे काफी समय तक मंत्री पद पर बने रहे थे।
बाद में पार्टी के ही एक नेता इन्द्रनील बनर्जी के साथ निजी कलह के बाद अनुशासन भंग करने के मामले में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। पार्टी से निलंबित होने के बाद भी वे जिले में अपने समर्थकों के साथ सक्रिय थे और उन्होंने कई बार जनसभाएं भी की थी।
ऐसी खबरें आ रही थी कि यदि विधानसभा चुनाव में उन्हें किसी पार्टी का टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय के तौर पर चुनाव लडेंगे। इधर, तृणमूल ने कांग्रेस के मजबूत गढ मुर्शिदाबाद में उनकी सांगठनिक क्षमता को देखते हुए विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने गत 12 जनवरी को हुमायूं कबीर को पार्टी में वापस शामिल कर लिया था।