पाली। जिले में से गुजर रहे कुम्भलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य में पडऩे वाली सादड़ी रेंज के नाके पर मंगलवार सोमवार मध्यरात्रि को वनकर्मियों ने एक जीप में 14 कट्टों में भरा करीब सात क्विंटल गोंद पकड़ा। नाकाबंदी देखकर इसका परिवहन करने वाले अंधेरे में जीप छोड़कर भाग गए। जीप में गोंद के अलावा दैनिक उपयोग की चीजें भी मिली हैं।
क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रेमाराम चौधरी ने बताया कि रेंज की चौकियों में नाकाबंदी के तहत सोमवार की मध्यरात्रि को रणकपुर के पास शक्ति माता मंदिर के पास स्थित चौकी पर भी नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान वहां पर एक जीप आई। नाकाबंदी देखकर इसके चालकर जीप को छोड़कर अंधेरे में फरार हो गए। जीप की तलाशी ली तो इसमें 14 बोरियां पड़ी हुई थी, खोलने पर इसमें गोंद मिला। चौधरी ने बताया कि यह सालर का गोंद है। यह इसी वन क्षेत्र से निकाला गया है या किसी अन्य वन्य क्षेत्र से यह जांच के बाद ही बताया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अरावली पर्वतश्रंखला के वन क्षेत्रों में उच्च चोटी पर सालर बहुतायात में है। इसके फूलों में खुशबू होती है और गोंद में भी खुशबू आती है। इस बात की आशंका है कि यह गोंद इसी वन क्षेत्र में सालर के पेड़ पर चीरा लगाकर एकत्रित किया गया हो। गोंद बरामद करने की यह तीन महीने की दूसरी सफलता है। इससे पहले अस्सी किलोग्राम गोंद पकडी थी। चौधरी ने बताया कि फरार लोगों को पकडऩे के प्रयास किये जा रहे हैं।
जोड़ों की दवा में महत्वपूर्ण
बोसेलिया सरेटा या सालर का उपयोग आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द कर दवा के रूप में भारत में सबसे ज्यादा किया जाता है। लम्बे समय से इसका उपयोग इस तरह की दवाओं में किया जा रहा है। यह गोंद इतनी मात्रा में मिलना निस्संदेह दवाइयों में उपयोग के लिए इसकी चोरी की ओर इशारा कर रही है।
एंटी रिंकल बोसवोलेक्स बनाने में भी उपयोग
सालर का बोटेनिकल नाम बोसेलिया सरेटा है। इसका उपयोग एंटी रिंकल यानि चमड़ी पर झुर्रियां रोकने की दवाओं में किया जाता है। यानि की वर्तमान में इसकी मांग सबसे ज्यादा है। इसका पेटेंट भी कई कंपनियों ने अपनी दवाओं के लिये किया हुआ है।