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26/11 : अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा - Sabguru News
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26/11 : अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा

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26/11 : अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा
seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks
seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks
seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks

मुंबई। अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा। हमलावरों ने मुंबई के दो पांच सितारा होटलों, सीएसटी रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया। शुरू में तो किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि यह इतना बड़ा आतंकी हमला हो सकता है।

26 नवंबर 2008 की रात में ही आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे सहित मुंबई पुलिस के कई आला अधिकारी भी इस आतंकवादी हमले में शहीद हो गए।

शहर के लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) से शुरू हुआ आतंक का ये तांडव पांच सितारा होटल ताजमहल में जाकर ख़त्म हुआ। मुंबई शहर को आतंक के इस साए से बाहर निकालने में सुरक्षाकर्मियों को 60 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया। मुंबई पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

पांच सितारा होटल ताजमहल के गुंबद में लगी आग की वो तस्वीरें आज सात साल बाद भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। गेटवे ऑफ इंडिया के पास 100 साल से भी पुरानी इमारत को कब्जे में लेकर आतंकवादियों ने आग के हवाले कर दिया। मुंबई की आन-बान-शान कहे जाने वाला होटल ताजमहल विदेशी पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है। यहां से समुद्र का बेहद खूबसूरत और विहंगम नजारा दिखाई देता है।

seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks
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होटल ताजमहल पर जब आतंकवादियों ने हमला बोला, उस समय डिनर का समय था और बहुत सारे लोग वहां जमा थे तभी अचानक अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार होटल ताजमहल में 31 लोग मारे गए और करीब 60 घंटे की कार्रवाई में सुरक्षाकर्मियों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया।

देश के सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर आतंक के इस खूनी खेल का सबसे खौफनाक मंजर देखने को मिला। यहां बड़ी संख्या में रेल यात्री मौजूद थे। जांच अधिकारियों के अनुसार यहां हुई गोलीबारी में आतंकवादी अजमल आमिर कसाब और इस्माइल खान शामिल थे। दोनों आतंकियों ने यहां अंधाधुंध गोलियां चलाईं, सीएसटी में 58 लोगों की मौत हुई। बाद में अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया और उसे कानूनन फांसी दी गई।

seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks
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मुंबई पुलिस के अनुसार चार हमलावरों ने एक पुलिस वैन को ही अगवा कर लिया और उसके बाद लगातार गोलीबारी करते रहे। इसी क्रम में आतंकवादी कामा अस्पताल में भी घुसे। मुंबई शहर का मशहूर कामा अस्पताल एक चैरिटेबल अस्पताल है, इसका निर्माण एक अमीर व्यापारी ने 1880 में कराया था। कामा अस्पताल के बाहर ही मुठभेड़ में आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक काम्टे और विजय सालस्कर शहीद हुए।

ओबेरॉय होटल देश के व्यापारिक तबके के बीच खासा लोकप्रिय है। इस पांच सितारा होटल में भी आतंकवादी खूब सारा गोला-बारूद लेकर पहुंचे थे। माना जाता है कि उस समय होटल में साढे तीन सौ से भी ज्यादा लोग मौजूद थे। आतंकियों ने यहां कई लोगों को बंधक भी बना लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों ने यहां दोनों हमलावरों को मार गिराया, लेकिन तब तक आतंकी 32 निर्दोष लोगों की जान ले चुके थे।

seventh anniversary of 26/11 mumbai terror attacks
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मुंबई पुलिस और जांच अधिकारियों के अनुसार आतंकवादी दो-दो के गुटों में बंटे हुए थे। लियोपोल्ड कैफ़े में पहुंचे दो आतंकवादियों ने यहां अचानक अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। यह कैफे विदेशी पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। इससे पहले ही वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते, आतंकवादी ताबड़तोड़ गोलीबारी करते हुए वहां से निकल गए। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक लियोपोल्ड कैफे में 10 लोगों की मौत हुई थी।

आतंकवादियों ने शहर के नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया। नरीमन हाउस चबाद लुबाविच सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। यहां भी हमलावरों ने कई लोगों को बंधक बनाया था। जिस इमारत में आतंकवादी घुसे थे वह यहूदियों की मदद करने के लिए बनाया गया एक सेंटर था। यहां अक्सर यहूदी पर्यटक ठहरते थे।

इस सेंटर में यहूदी धर्मग्रंथों की बड़ी लाइब्रेरी और उपासनागृह भी हैं। यहां पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एनएसजी कमांडो को हेलिकॉप्टर की मदद से बगल वाली इमारत में उतरना पड़ा। एनएसजी की इस कार्रवाई में आतंकी तो मारे गए, लेकिन किसी भी बंधक को नहीं बचाया जा सका। यहां 7 लोगों की मौत हो गई।