नई दिल्ली/जयपुर। मौसम ने एक बार फिर अपना मिजाज बदल लिया है, देश के कई क्षेत्रों में रविवार सुबह से भारी बारिश हो रही है। राजधानी दिल्ली में भी बादल छाए हुए है। तापमान में आई भारी गिरावट से ठंड ने एक बार फिर दस्तक दे दी है।
जहां कुछ लोगों इस बारिश का लुत्फ उठा रहे है, वहीं किसान के लिए यह बारिश किसी आफत से कम नहीं है। बारिश के कारण खेतों में गेंहू के साथ ही सरसों गिर गई है। कई जगह पर आलू की खोदाई भी बाकी है। खेतों में पानी भरने से आलू के सड़ने का भी अंदेशा है।
स्वाइन फलू के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना था कि तापमान बढ़ने से इस बीमारी का प्रकोप कम हो जाएगा। लेकिन दोबारा बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है। जिसके चलते स्वाइन फ्लू का प्रकोप एक बार फिर बढ़ सकता है।
बेमौसम बरसात होने से स्वाइन फलू का खतरा एक बार फिर बढ़ सकता है। इसके अलावा वायरल बुखार के चपेट में भी लोग आ सकते हैं। ऐसे में लोगों की सेहत पर दोहरी मार पड़ सकती है। इसलिए बदले हुए मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखें।
रविवार को भी लगी रही बारिश की झड़ी
राजस्थान में पिछले पांच दिनों से शुरू हुआ बेमौसम बारिश का दौर रविवार को भी जारी रहा। बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। कहीं मकानों की छतें उड़ी तो कहीं दरख्त़छ धराशयी हुए। राजधानी जयपुर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार राजधानी में कलेक्ट्रेट पर 34 एमएम और चाकसू में 37 एमएम बारिश दर्ज की गई है। वहीं सुबह-सुबह गिरे ओलों और ठंडी हवाओं से ठुठरन भी बढ़ गई है। जयपुर में शनिवार सुबह से लगी रिमझिम की झड़ी देर रात तक जारी रही।
घने बादलों ने दोपहर में भी शाम का अहसास कराया। शाम को रात हो गई। दिन-रात अनवरत बारिश ने सभी को घरों में बंधक बना दिया। छुट्टी का दिन किसी काम नहीं आया। सर्दी ने एक बार फिर डेरा डाल दिया है।
सांगानेर एयरपोर्ट पर रात 8:30 बजे तक 21.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो मार्च के महीने में 14 साल बाद एक दिन की सर्वाधिक बारिश है।बारिश से सड़कों पर पानी भर गया। इससे वाहन चालकों को खासी परेशानी हुई। बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी। कई स्थानों पर नालों में कचरा जाम होने से सड़क पर पानी भर गया। सड़कें भी टूट गईं।
बारिश से मौसम ने अचानक पलटी खाई है इससे वायरल का प्रकोप बढ़ गया है। अस्पतालों में वायरल और सर्दी, खांसी के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
हिमाचल में हिमपात, ठंड ने दुबारा दी दस्तक
हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज बिगडऩे से ठंड ने एक बार पुन:दस्तक दी है। बीती रात से ऊंची चोटियों पर रूक-रूक कर हिमपात हो रहा है । बर्फवारी होने और तेज हवा चलने से शीतलहर फिर तेज हो गई है।
जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के केलंग में 3 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। यहां पारा शून्य से 5.9 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा और यह राज्य का सबसे ठण्डा स्थान रहा। इसके अलावा किन्नौर के कल्पा में पारा शून्य से 2 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। दूसरी ओर राज्य के निचले हिस्सों में कई स्थानों पर बारिश हो रही है। सलौणी में सर्वाधिक 32 मिलीमीटर बारिश हुई है। नैना देवी में 14, धर्मपुर में 11, कसौली में 8 और बिझड़ी व ऊना में 7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
मौसम के करवट लेने से इन इलाकों में तापमान 4 से 6 डिग्री तक लुढक़ गया है। राजधानी शिमला में वर्षा के साथ तेज हवाएं चलने से ठण्ड बढ़ गई है और लोग गर्म कपड़ों से लिपटते हुए देखे जा रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिक उंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जबकि अन्य भागों में वर्षा की सम्भावना जताई है।