सूरत। आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज करवाने वाली पीडि़ता ने मंगलवार को अठवालाइन्स स्थित सेशन कोर्ट में बयान दर्ज कराए तथा अपने आरोपों को सही बताया।
कोर्ट परिसर में कैमरा रिकॉर्डिग के साथ दर्ज किए गए बयान में पीडि़ता नेे जहांगीरपुरा थाने में नारायण साईं के खिलाफ दर्ज करवाई गई प्राथमिकी को सही ठहराया। उसने कोर्ट के समक्ष 2002 से 2004 के दौरान जहांगीरपुरा आश्रम में रहने के दौरान आश्रम के माहौल के बारे में भी बताया।
उसके साथ आश्रम की कुटिया व उसके बाद साबरकांठा के डभोई आश्रम के अलावा अन्य स्थानों पर किए गए यौन उत्पीडऩ के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने जांच के दौरान पुलिस द्वारा विभिन्न घटनास्थलों से जुटाए गए साक्ष्यों को भी पहचाना और उनका समर्थन किया।
पीडि़ता के बयान पूर्ण होने के बाद नारयण साईं की और से बचाव पक्ष के वकील कल्पेश देसाई ने पीडि़ता ने सवाल-जवाब शुरू किए लेकिन कोर्ट का समय पूरा होने के कारण सवाल-जवाब नहीं हो सके।
इससे पहले सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच लाजपोर जेल से पुलिस नारायण साईं को कोर्ट लाया गया। पीडि़ता के बयान के दौरान वह कोर्ट में शांति से बैठे बयान सुनता रहा।
ज्ञात हो कि 2 व 3 मई को मुंबई निवासी आसाराम आश्रम की पूर्व साधिका अनिव उर्फ प्रीति वर्मा का बयान हुआ था तथा इससे पहले इस मामले के पंचों व अन्य आरोपियों की गवाही हुई थी।
उल्लेखनीय है कि गत 6 अक्टूबर 2013 को आसाराम आश्रम की पूर्व साधिका ने नारायण साईं पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए जहांगीर पुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस मामले में पुलिस ने 2014 में नारायण साईं को गिरफ्तार किया था तब से वह न्यायिक हिरासत में लाजपोर जेल में बंद है।
रिश्वत कांड में सुनवाई टली
यौन उत्पीडऩ मामले में फंसे नारायण साईं व उसके साथियों के खिलाफ दर्ज 13 करोड़ रुपए की रिश्वत मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 24 मई की तारीख दी है। पुलिस ने इस मामले में टेलिफोनिक बातचीत को आधार बना कर हिमांशु शुक्ला को भी आरोपी बनाने के लिए याचिका दायर की थी।