इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में तैनात सीनियर जुडिशल आफिसर की सीएमओ रैंक की पत्नी ने सीआरपीएफ सेंट्रल सेक्टर, लखनऊ में तैनात डीआईजी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
सीएमओ डाक्टर का कहना है की डीआईजी सीआरपीएफ भानु प्रताप सिंह देर रात तक पार्टी में उसे रोकने को मजबूर करते हैं और ऐसा न करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी देते हैं।
न्यायिक अधिकारी की पत्नी का कहना है कि डीआईजी द्वारा उसके साथ जेंडर हरासमेंट किया जा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से उनके पति बतौर सिविल जज सीनियर डिवीजन बाराबंकी जिले में तैनात है और उनकी यह तैनाती मेरे सीआरपीएफ लखनऊ में तैनाती को देखते हुए हाईकोर्ट ने की है।
परन्तु दुर्भावना से ग्रसित डीआईजी के इशारे पर आईजी ने मेरा तबादला नीमच, मध्य प्रदेश कर दिया है, ताकि फैमिली लाइफ बाधित हो जाए। यह सारा आरोप सीएमओ डाक्टर शुक्ला ने अपने तबादले के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट में दायर कर लगाया है।
जस्टिस एस.एन शुक्ला तथा जस्टिस सुनीत कुमार की बेंच ने सीआरपीएफ लखनऊ में सीएमओ डाक्टर के लखनऊ से नीमच किए गए तबादले को दुर्भावनापूर्ण मानते हुए, इस तबादले पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने सीआरपीएफ के अधिकारियो को निर्देश दिया है कि इस बीच वह चाहे तो तबादला आदेश को संशोधित कर यूपी में कही भी उचित स्थान पर याची डाक्टर शुक्ला को तैनात कर दे।
चूंकि याचिका में डीआईजी सीआरपीएफ सेंट्रल सेक्टर भानु प्रताप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, इस कारण हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विजय गौतम ने कोर्ट को बताया कि डीआईजी के खिलाफ सेक्सुअल हरासमेंट (यौन उत्पीड़न) का मामला पहले से ही जेंडर जस्टिस समिति के समक्ष लंबित है और इसकी जांच चल रही है।
इस कारण दुर्भावनावश उत्तर प्रदेश से सुदूर नीमच, मध्य प्रदेश में याची का तबादला कर दिया गया है ताकि पैरवी के आाव में आरोपों से छुटकारा मिल जाए।
समूचे घटनाक्रम व आरोपों का खंडन करते हुए डीआईजी व सीआरपीएफ की तरफ से उनके वकील के.एस पवार का कहना था कि डीआईजी पर यौन उत्पीड़न का आरोप सही नहीं है।
कहा गया था कि सीएमओ के खिलाफ 2004 से शिकायतें थी, इस नाते उनका मध्य प्रदेश के नीमच में तबादला किया गया है।
बहरहाल, हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया याची द्वारा लगाए गए आरोपों को सही माना है तथा ट्रांसफर को दुर्भावना से युक्त मानते हुए उस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रदुम्न कुमार सिंह को भी नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है।