अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र शाखाओं स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने सभी 22 सरकारी महाविद्यालयों की छात्र परिषदों के चुनावों में बाजी मार ली है।
हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंगलवार को हुए चुनाव में पहली बार 27 सीटें हासिल करने में कामयाब रही है। छात्र संघ चुनावों के परिणामों की घोषणा मंगलवार रात को हुई थी।
वहीं, चुनाव के दौरान छिटपुट झड़पों और पुलिस लाठीचार्ज में एसएफआई और एबीवीपी दोनों के करीब 22 छात्र, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अरिंदम नाथ और पश्चिम त्रिपुरा जिला पुलिस प्रमुख अभिजीत सप्तऋषि सहित 12 पुलिस अधिकारी और चार पत्रकार घायल हो गए।
त्रिपुरा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 22 कॉलेज छात्र परिषदों की कुल 778 सीटों में से एसएफआई और टीएसयू के उम्मीदवार इससे पहले नौ कॉलेजों की 530 सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा कि भारी सुरक्षा के बीच 13 कॉलेजों की शेष 248 सीटों के लिए मंगलवार को चुनाव हुए थे।
उन्होंने कहा कि एबीवीपी कुल 778 सीटों में से 27 सीटों को जीतने में कामयाब रही, जबकि शेष सीटों पर एसएफआई और टीएसयू गठबंधन ने जीत दर्ज की।
चुनाव में कांग्रेस का छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) किसी भी सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो पाया।
चुनाव के दौरान खासकर मंगलवार रात तक वोटों की गिनती के दौरान छिटपुट झड़पें, पुलिस लाठीचार्ज और तनाव की स्थिति रही।
राजनीतिक विश्लेषक सुभाष दास ने कहा कि त्रिपुरा में कॉलेज छात्र परिषद के चुनावों के निष्कर्षो से स्पष्ट है कि भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस का स्थान ले रही है।