मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान का मानना है कि पहले उनका परिवार पापाराजी संस्कृति से असहज महसूस करता था, लेकिन अब वे इसे अपनी जिंदगियों का हिस्सा मानते हैं। शाहरुख ने सीएनएन-न्यूज18 से कहा कि (तस्वीरें खींचा जाना) स्टारडम का हिस्सा है, जिसे हम सब स्वीकार कर चुके हैं..।
पिछले महीने वायरल हुए एक वीडियो में, शाहरुख की बेटी सुहाना (17) एक थियेटर के भूतल में एक एलिवेटर का दरवाजा खुलने का इंतजार करते समय फोटोग्राफर्स से बचने की कोशिश में बेहद असहाय और असहज महसूस कर रही थीं।
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शाहरुख ने कहा कि मुझे लगता है कि बच्चे इस आडंबर की स्थिति में बेहद अजीब महसूस करते हैं। मैं जब भी किसी सार्वजनिक स्थान पर जाता हूं, मैं उन्हें अपने साथ नहीं ले जाता। मेरी पत्नी, मेरे बच्चे मेरे साथ नहीं आते। मैं समारोहों में अकेले जाता हूं। शाहरुख ने कहा कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए उन्हें कुछ कदम उठाने पड़े।
अभिनेता ने कहा कि कुछ उपाय करने पड़ते हैं। ऐसे ही एक कदम के तौर पर मैंने उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेज दिया, ताकि वे सहज महसूस कर सकें।
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि तस्वीरें ली जाएंगी। मैंने अपने बच्चों को समझा दिया है कि जब भी फोटोग्राफर्स आएं, खड़े हो जाओ, तस्वीरें खिंचवाओं और कहो, ‘क्या अब मैं जा सकता/सकती हूं। और वे आपकी बात समझेंगे। मैं उन्हें 25 साल से जानता हूं।