सबगुरु न्यूज- नई दिल्ली/पटना/चैन्नई/बैंगलुरु। सुप्रीम कोट के आदेश पर बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन को सिवान जिला न्यायालय में हत्या समेत तीन दर्जन मामलों में निष्पक्ष सुनवाई के लिए बिहार से तिहाड आना होगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तमिलनाडु की एआईडीएमके की महासचिव शशिकला सरेंडर करने के लिए बैंगलुरु रवाना हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए बिहार में सिवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को तिहाड जेल भेजने का निर्णय सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश दिया कि राजद के विवादास्पद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार की जेल से यहां तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया जाए ताकि उनके खिलाफ दर्ज मामले में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र सुनवाई सुनिश्चित हो सके।
न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश अमिताव रॉय की पीठ ने सरकार से कहा कि वह शहाबुद्दीन को एक सप्ताह में तिहाड़ जेल स्थानांतरित करे। पीठ ने कहा, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना इस न्यायालय का दायित्व एवं कर्तव्य है।
कोर्ट ने कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्ज मामलों में सुनवाई तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। पीठ ने कहा, वह बिहार को आदेश देती है कि मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान स्थित जिला कारागार से दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया जाए।
इस मामले में सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद और आशा रंजन ने राजद नेता को सीवान जेल से स्थानांतरित किए जाने की याचिकाएं दायर की थीं। प्रसाद के तीन बेटे दो अलग अलग घटनाओं में मारे गए थे और आशा के पति राजदेव रंजन की सीवान में हत्या हो गई थी।
इन याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित मामलों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए उन्हें सीवान जेल से राज्य के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। इससे पहले बिहार सरकार ने न्यायालय को बताया था कि वह शहाबुद्दीन को सीवान जेल से यहां तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने के खिलाफ नहीं है। राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि शहाबुद्दीन झारखंड में एक मामले समेत 45 मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहार के सीवान जिले की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को जेल से फोटो वायरल होने के मामले में 7 फरवरी को जमानत दे दी थी।
उधर, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्योपरांत वहां की मुख्यमंत्री की प्रबल दावेदार मानी जा रही एआईडीएमके की नेता शशिकला भी सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के आदेश की पालना में स्वयं को बंगलुरू के सिविल न्यायालय में सरेंडर के लिए रवाना हो गई हैं।
आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से सजा पाने के बाद एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला को दूसरी बार झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने शशिकाल की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
उन्हें बंगलुरू जेल में रखा जाएगा। इससे पहले चैन्नई से बंगलुरू रवाना होने से पूर्व उन्होंने जयललिता की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर वह वहां से रवाना हुई। इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए चैन्नइ्र से बंगलुरू के मार्ग पर दोनों राज्यों ने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला की ओर से और मोहलत मांगने की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पर कोई आदेश नहीं देना चाहते और वह इस फैसले में कोई भी बदलाव नहीं करने जा रहा है।
शशिकला के वकील के टी एस तुलसी ने कहा कि जेल जाने से पहले अपने काम निपटाने के लिए शशिकला आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ समय चाहती हैं।
aidmk की महासचिव शशिकला ने अपने संबंधियों दिनाकरन और वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल किया। दोनों को जयललिता ने वर्षों पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया था। राज्यसभा के पूर्व सदस्य टी टी वी दिनाकरन को शशिकला ने एआईएडीएम का उप महासचिव नियुक्त किया।
कोर्ट से सजा के बाद पोएस गार्डन के बाहर शशिकला ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, डरने की कोई बात नहीं है। वे कहीं नहीं जा रही हैं। वे हमेशा आप सबके दिलों में रहूंगी। फैसले के बाद शशिकला ने ओ पन्नीरसेल्वम के समर्थक नेताओं के पांडियाराजन, पीएच पांडियन, एन विश्वनाथन और सी पोन्नियन को पार्टी से निकाला।
शशिकला ने एआईएडीएमके महासचिव के रूप में अपने आखिरी फैसले में ओ पन्नीरसेल्वम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किया। ई पालिनिसामी को नया महासचिव बनाया गया, वह विधायक दल के नेता भी चुने गए।
पार्टी ने बाताया कि ई पालिनिसामी के समर्थन में एआईएडीएमके विधायकों का पत्र राज्यपाल को भेजा । तमिलनाडु के केयरटेकर मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने अपने समर्थकों का धन्यवाद किया। उन्होंने पार्टी विधायकों के मतभेद भुला कर एक साथ आने की अपील की थी।
शशिकला को दोषी करार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओ पन्नीरसेल्वम के घर के बाहर समर्थक जुटे थे।