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मां से 'बंदूकवाली आंटी' बनने का रोचक सफर - Sabguru News
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मां से ‘बंदूकवाली आंटी’ बनने का रोचक सफर

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मां से ‘बंदूकवाली आंटी’ बनने का रोचक सफर

जयुपर जैसे शहर में अब फिमेल पुलिस शहर में गश्त लगाती नजर आती हैं। ताकि मनचलों को सबक सिखया जा सकें। ऐसे में यूपी की एक आम औरत शाहना बेगम, जिनका नाम सुनते ही अपराधी थर-थर कांप उठते है, अपने आप में एक मिसाल है।

ऐसा इसलिए क्योंकि शाहना ने यहां वह कर दिखाया है, जो पुसिल बरसों से करने का सिर्फ प्लान कर रही है। इतना ही नहीं शाहना बेगम को इलाके में ‘बंदूकवाली आंटी’ के नाम से जाना जाता है। क्योंकि वह अपने इलाके की लड़कियों और महिलाओं कि रक्षा खुद अपने दम पर अपनी बंदूक से करती है। तो चलिए आज जानते है शाहना बेगम कि मां से बंदूकवाली आंटी बनने का रोचक सफर…

अपराधियों में है खौफ

शाहजहांपुर के सिंधौली प्रखंड स्थित महानंदपुर और आसपास के गांवों में रहने वाली लड़कियों के लिए तो शाहना मां जैसी हैं। वहीं ऐसे लोग जो कि लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं, उनके लिए तो शाहना का नाम ही खौफ पैदा करने के लिए काफी है। शाहना ने यहां वह कर दिखाया है, जो पुलिस भी नहीं कर सकी। पिछले लंबे समय से महानंदपुर गांव में महिलाओं के साथ छेड़खानी या फिर शारीरिक उत्पीड़न की कोई वारदात नहीं हुई है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि शाहना के होने का ही असर है कि इलाके की लड़कियां खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं। शहाना खुद गांव-गांव जाकर लोगों से जुर्म के खिलाफ लड़ने की अपील करती हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्‍याचार का पुरजोर विरोध करने वाली शहाना गांव के विकास के लिए काफी आगे रहती हैं। भूमि-विवाद से लेकर पानी की समस्‍या तक हर कोई शहाना के पास मदद मांगने आता है।

बेटियों कि रक्षा ​के लिए उठाई बंदूक

शाहना की उम्र 42 साल है और उनकी खुद की 2 बेटियां भी हैं। शाहना कहती है कि’मैंने 1990 का वह दौर भी देखा है जब महिलाओं को अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों की शिकायत करने के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। मैंने जवान लड़कियों को किसी से मदद ना मिलने पर खुदकुशी करते देखा है।

मैं उस वक्त काफी युवा थी और मेरे पति की मौत हो गई। मैं अकेली थी। मुझे डर लगता था कि मेरी बेटियों के साथ कुछ भी हो सकता है। रिश्तेदार भी मेरी हालत का फायदा उठा सकते थे। तब मैंने फैसला किया कि ना केवल मैं खुद के लिए लड़ूंगी, बल्कि औरों के लिए भी लड़ूंगी।’