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Shankaracharya Swami Swaroopanand relief from the Allahabad High Court, shock Vasudevanand Saraswati
Home UP Allahabad शंकराचार्य स्वरूपानंद को हाईकोर्ट से मिली राहत, वासुदेवानंद को झटका

शंकराचार्य स्वरूपानंद को हाईकोर्ट से मिली राहत, वासुदेवानंद को झटका

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शंकराचार्य स्वरूपानंद को हाईकोर्ट से मिली राहत, वासुदेवानंद को झटका
Shankaracharya Swami Swaroopanand relief from the Allahabad High Court, shock Vasudevanand Saraswati
Shankaracharya Swami Swaroopanand relief from the Allahabad High Court, shock Vasudevanand Saraswati
Shankaracharya Swami Swaroopanand relief from the Allahabad High Court, shock Vasudevanand Saraswati

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोट ने ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को बडी राहत देकर, स्वामी वासुदेवानंद की अर्जी गुरूवार को खारिज कर दी।

वासुदेवानंद ने अर्जी दाखिल कर हाईकोर्ट से मांग की थी की कि शंकराचार्य स्वरूपानंद के पक्ष में सिविल जज इलाहाबाद द्वारा पारित आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही अपील की सुनवाई को जिला जज इलाहाबाद के यहां भेजा जाए। अर्जी में वासुदेवानंद ने कहा था कि इस केस की सुनवाई का अधिकार अपील में जिला जज को है।

सिविल जज ने ज्योतिषपीठ- बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वरूपानंद के पक्ष में आदेश पारित कर कहा था कि वही इस पीठ के शंकराचार्य हैं, तथा वासुदेवानंद को अपने को शंकराचार्य घोषित करने व छत्र, चंवर का प्रयोग करने पर रोक लगा दी थी।

इस आदेश के खिलाफ वासुदेवानंद ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर रखी है। जबकि शंकराचार्य स्वरूपानंद ने वासुदेवानंद की अर्जी का विरोध कर कहा था कि वासुदेवानंद की अपील पर हाईकोर्ट काफी हद तक सुनवाई कर चुका है। अब ऐसी स्थिति मे फिर से बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य विवाद को लोअर कोर्ट को भेजना ठीक नहीं है।

अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का यह भी कहना था कि स्वामी स्वरूपानंद की उम्र भी 94 वर्ष की हो रही है, ऐसे में मुकदमे को सुनवाई के लिए लोअर कोर्ट भेजने से शंकराचार्य के जीवनकाल में सुनवाई हो पाना सम्भव नहीं है।

जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस एस बी सिंह की खंडपीठ ने आदेश पारित कर कहा कि स्वामी स्वरूपानंद की अर्जी स्वीकार की जाती है तथा वासुदेवानंद की अर्जी खारिज की जाती है। मालूम हो कि लोवर कोर्ट ने शंकराचार्य स्वरूपानंद का वाद मंजूर कर आदेश दिया कि वही बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य है।

आदेश दिया गया था कि वासुदेवानंद शंकराचार्य के रूप में न तो अपने को प्रदर्शित करेंगे, न क्षत्र चंवर का ही प्रयोग करेंगे। इसी आदेश के खिलाफ वासुदेवानंद की अपील हाईकोर्ट में लम्बित है, जिसकी सुनवाई वह अब लोवर कोर्ट कराना चाह रहे थे।

हाईकोर्ट ने वासुदेवानंद की इस अपील पर अन्तरिम आदेश देने से मना कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। वासुदेवानंद की अर्जी को खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा कि 17 अक्टूबर से वह इस केस की प्रतिदिन सुनवाई करेगा।