नई दिल्ली। जयप्रकाश फाउंडेशन की ओर से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम पूर्व कानून-मंत्री शांतिभूषण ने भारत में राजनैतिक सुधार और चुनौतियां विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि जेपी आंदोलन नेहरू-गांधी परिवारवाद और उसकी तानाशाही के खिलाफ था।
अन्ना आंदोलन में जेपी आंदोलन की यादें ताजा हो गईं मगर, अरविंद केजरीवाल ने लोगों के साथ धोखा किया । शांतिभूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल लोगों को बरगला रहे हैं । वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मंत्री पैसा बनाने में जुटे हैं ।
1977 में बनी जनता पार्टी सरकार का महत्व रेखांकित करते हुए शांतिभूषण ने कहा कि जनता पार्टी 44वां संविधान संशोधन लेकर आई जिसने लोकतंत्र को बचाया । उसी दौरान संपत्ति का अधिकार खत्म हुआ, उसी वक्त संसद और विधानसभा में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी का सवाल पहली बार उठा। साथ ही उस दौरान राजनैतिक सुधार के लिए समितियां बनीं, जिसने जरूरी सुधार सुझाए।
इस दौरान स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक प्रो आनंद कुमार ने कहा कि भारतीय राजनीति की विडंबना यह है कि जनतंत्र का दायरा बढ़ रहा है लेकिन, नतीजे के तौर पर तीन जमातें घटती जा रही हैं।
महिलाएं, अल्पसंख्यक और गरीब चुनाव सुधार आज की बहुत बड़ी जरूरत हैं। पार्टी सिस्टम कमजोर हुआ है । नागरिक शक्ति का निर्माण राजनैतिक सुधार के लिए बहुत जरूरी है । उन्होंने कहा कि राजनैतिक सुधारों से ही सामाजिक और आर्थिक सुधार निकलेंगे।