इंदौर। राजधानी भोपाल के बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड के मामले में सीबीआई की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों जाहिदा परवेज, सबा फारुखी, शाकिब और ताबिश को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है, जबकि सरकारी गवाह बनाए गए इरफान को क्षमादान दे दिया गया है।
शनिवार को सुबह शहला मसूद हत्याकांड के मुख्य आरोपी सबा फारुखी और जाहिदा को पुलिस उज्जैन जेल से इंदौर कोर्ट लेकर आई थी, जबकि मामले में अन्य आरोपी शाकिब डेंजर व उसके साथी इंदौर की जेल में ही बंद थे।
इस मामले में पिछले 10 दिन से सीबीआई कोर्ट ने बहस चल रही थी। आरोपियों और सीबीआई की ओर से सुनवाई में दिए गए बसान और सबूतों के आधार पर अदालत ने शनिवार को इस हत्याकांड के सभी आरोपियों को उमकैद की सजा सुनाई है।
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को भोपाल में उन्हीं के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई के विशेष जज बीके पालोदा की कोर्ट में केस चल रहा था।
शहला मसूद की हत्या के आरोप में जाहिदा परवेज, सबा फारुकी, शाकिब डेंजर सहित पांच लोगों को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था, सभी आरोपी जेल की हवा खा रहे थे। पिछले दिनों इस केस की अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी।
सीबीआई ने मामले में में 80 से ज्यादा गवाहों के बयान अदालत में दर्ज कराए थे। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शनिवार को अंतिम फैसला भी सुना दिया गया।
इस मामले को लेकर सुबह से ही कोर्ट में में गहमागहमी का माहौल था। वहीं पुलिस ने सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम यहां पर कर रखे थे। सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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