नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी गुरुवार को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के तौर पर पेश कर सकती है।
इस मुद्दे पर उत्तर-प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और हाल ही में बने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की दिल्ली में बैठक चल रही है। इसके साथ ही कांग्रेस में प्रियंका गांधी को उत्तर-प्रदेश का चेहरा बनाए जाने की अटकलों पर विराम लग गया है।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 11 फीसदी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर शीला के नाम पर आखिरी मुहर लग गई है और सिर्फ नाम का ऐलान किया जाना बाकी है जो गुलाम नबी आजाद इस बैठक के बाद कर देंगे।
उत्तर-प्रदेश के लिए शीला का नाम फ़ाइनल किये जाने के पीछे उनका राजनीतिक अनुभव और तीन बार का मुख्यमंत्री होना है। यूपी में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 28 सीटों पर सिमट गई थी।
कांग्रेस यूपी की सत्ता में 26 साल से बनवास झेल रही है। सूबे में 1989 में कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रहे।
पार्टी को लगता है कि शीला दीक्षित की बेदाग़ छवि, सभी समाज में स्वीकार्यता और ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस की खोई ताकत में जान फूंक सकता है और पार्टी को सत्ता की दहलीज़ तक ला सकता है।