जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े घूसकांड के आरोपी शेरखान की बीमारी के चलते मंगलवार तडक़े मौत हो गई। शेरखान को इलाज के लिए परिजनों ने बैंगलुरू के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
गौरतलब है कि खनन विभाग के महाघूस कांड में 17 सितम्बर को एसीबी ने रिश्वत देने के आरोप में प्रमुख खनन व्यवसायी मोहम्मद शेरखान को हिरासत में लिया था। शेरखान के अलावा इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन आईएएस अशोक सिंघवी सहित खान विभाग के कई अधिकारियों और दलालों को एसीबी ने पकड़ा था।
फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा हैं लेकिन शेरखान को पिछले दिनों गंभीर बीमारी के चलते कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया था। इसी बीमारी के इलाज के लिए शेरखान को बैंगलुरू में इलाज के लिए भर्ती करवाया था।
शेरखान लगभग 30-35 साल से खनन कार्य से जुड़ा है। उसको भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ और उदयपुर में माइनिंग किंग के नाम से जाना जाता था। उसकी कई खानें थीं। इसके अलावा शेरखान के साथ अन्य कई सारे विवाद भी जुड़े हुए हैं जिनमें हत्या, गैर इरादतन हत्या, जमीनों पर कब्जे, डराने-धमकाने समेत कई मामले हैं।
जिले के शंभूपुरा थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली थी। शेरखान कुछ समय के लिए कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेशाध्यक्ष भी रहा। उसने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी भी जताई थी।
सूत्रों के अनुसार सावा क्षेत्र के बनस्टी में 1990-91 में हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में मोहम्मद शेरखान की गिरफ्तारी हुई थी। करीब आठ साल पहले जिले के बिजयपुर क्षेत्र के पाल घाटा में जमीन के सौदे के बाद कब्जे के दौरान पतवारियां तोडऩे के मामले में ग्रामीणों के विरोध के बाद जेसीबी मशीनें फूंक दी गई थी। इस मामले में शेरखान का भी नाम सामने आया था।
दो साल पहले सावा कस्बे में हुए सांप्रदायिक तनाव के दौरान शेरखान पर उपद्रवियों को पनाह देने का आरोप लगने के बाद पुलिस ने खान के ख्वाजा बाग में तलाशी अभियान भी चलाया था।
सावा में खुद के बनाए मशहूर ख्वाजा बाग में फिल्मों की शूटिंग के बाद शेरखान ने फिल्म उद्योग में भी नाम चमकाने की कवायद की।
मिथुन चक्रवर्ती अभिनीत मेरे सजना साथ निभाना के अलावा 15 अगस्त फिल्म की शूटिंग भी सावा में हुई। एक-दो फिल्म में शेरखान ने भी अभिनय किया। सावा में 15 अगस्त फिल्म की शूटिंग के दौरान पुलिस अधिकारी से भी विवाद हुआ था।