लखनऊ। इस्लामिक उपदेशक डा जाकिर नाइक और उनके तकरीरों का उत्तर प्रदेश में चैतरफा विरोध हो रहा है। शनिवार को राजधानी लखनऊ में जहां सैकड़ों मुसलमानों ने वहीं वाराणसी में कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने जाकिर नाइक का पुतला फूंका। उधर बरेली के मुस्लिम संगठनों ने नाइक को गिरफ्तार कर उन्हें फांसी देने की मांग की है।
जाकिर नाइक के विरोध में शनिवार को राजधानी लखनऊ में शिया धर्मगुरू सड़कों पर उतरे। शाही मस्जिद हजरतगंज में शिया धर्म गुरु मौलाना यासुब अब्बास के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में मुसलमानों ने जाकिर नाईक का का विरोध करते हुए मुरादाबाद के नारे लगाए और जाकिर नाईक का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराया।
इस अवसर पर मौलाना यासुब अब्बास ने कहा कि जाकिर नाइक धर्म के नहीं बल्कि आतंकवाद के प्रचारक हैं। वह शांति के नाम पर लोगों का आतंकवाद का पाठ पढ़कर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि नाइक के विवादित चैनल पीस टीवी और उनके संगठन, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पूर्ण पावंदी लगाई जाये। साथ ही जाकिर की सम्पत्ति और विदेशों में उनके कनेक्शन की जांच कराई जाये।
प्रदर्शनकारियों में शामिल मौलाना जाफर अब्बास ने आरोप लगाया कि जाकिर विदेशों से फंड लाकर हिन्दुस्तान में आतंक का जाल बिछा रहा है। उन्होंने जाकिर को फांसी की सजा देने की मांग की।
बरेली में भी आज मुस्लिम संगठनों ने जिला कचेहरी में नाइक के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।
बरेली के शहर काजी मौलाना असजद रजा खां ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में नाइक को इस्लाम का दुश्मन बताया। गोरखपुर के मुसलमानों ने नाइक को समाज को बांटने और इस्लाम की गलत ब्याख्या करने वाला बताया।
वाराणसी में शनिवार को जिला कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने जाकिर नाइक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मुख्यद्वार पर जुटे युवा कांग्रेसियों ने जाकिर का पुतला फूंका और कहा कि जाकिर का बयान न केवल मुसलमानों का बल्कि पूरे इन्सानियत के खिलाफ है। मजहब के नाम पर देश और समाज को तोड़ने वाला बयान इस्लाम का भी अपमान है। काशी के युवा इसे कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि ढाका विस्फोट के बाद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक अपने उपदेशों को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। बताया जा रहा है कि ढाका हमले में शामिल रहे आतंकी उनसे प्रभावित थे। इस समय पूरे देश में डा0 जाकिर की आपत्तिजनक तकरीरों को लेकर अचानक माहौल गरमा गया है। केंद्र सरकार भी इस मामले में सजग है।
कौन हैं जाकिर नाइक?
मूलतः मुंबई के रहने वाले जाकिर नाईक पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन, इलाज में उनका मन नहीं लगा और चिकित्सा का पेशा छोड़ कर इस्लाम के प्रचार प्रसार में जुट गए। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक संस्था के माध्यम से वह पूरी दुनिया में इस्लाम पर व्याख्या देने लगे।
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना उन्होंने वर्ष 1991 में की थी। कहा जाता है कि पिछले 20 सालों में 30 से ज्यादा देशों में उन्होंने 2000 से भी ज्यादा सभाएं की है। जाकिर की वेशभूषा को लेकर भी विवाद है। उनका पहनावा और भाषा दूसरे इस्लामिक धर्मगुरुओं से बिलकुल अलग है। वह सूट पहनकर कुरान की आयतें पढ़ते हैं और उर्दू की जगह अंग्रेजी में बोलते हैं।