नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद कोर्ट के उस फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी है, जिसमें 1.72 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को रद्द करने के लिए कहा गया था। इस फैसले पर राज्य सरकार और शिक्षामित्रों की निगाहें टिकी हुई थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 12 सितंबर को 1 लाख 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध ठहराया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायालय ने अब इस मामले में पक्षधरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन नियुक्तियों को रद्द करने के विरोध में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि राज्य में शिक्षकों की कमी के चलते ही इन शिक्षकों की भर्ती की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला 24 फरवरी को होने वाली सुनवाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वहीं, न्यायालय ने यूपी सरकार से आवेदनों को तीन कैटेगरी में बांटने को भी कहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में नए शिक्षा मित्रों की बहाली नहीं करने का भी आदेश दिया गया है।