शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और फिर उसकी हत्या करने के मामले में बुधवार को एक बेहद चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब मामले के मुख्य आरोपी ने मामले में सहआरोपी की हवालात में ही हत्या कर दी।
इस घटना के बाद 16 वर्षीय पीड़िता के लिए न्याय की मांग करने वाले लोगों की भीड़ ने आगजनी की। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्य आरोपी राजिंदर सिंह ने कथित तौर पर सूरज सिंह का सिर जमीन पर पटक-पटक कर उसे मार डाला। सूरत नेपाली मूल का है। उन्होंने कहा कि राजिंदर सिंह ने सूरज की हत्या क्यों की, इसका पता नहीं चल पाया है।
अधिकारी ने कहा कि दोनों के बीच कुछ बात पर झड़प हुई, जिस दौरान सूरत सिंह के सिर में गंभीर चोटें आईं। उसे निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
माना जा रहा है कि झड़प का कारण सूरज द्वारा पुलिस के समक्ष किया गया खुलासा है, जिसने लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उसकी हत्या का पूरा आरोप राजिंदर के मत्थे मढ़ दिया।
कोटखाई पुलिस थाने के हवालात में हुई इस घटना की लोगों को जैसे ही जानकारी हुई, भारी तादाद में लोग वहां इकट्ठा हो गए और उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के छह आरोपियों में से एक के मारे जाने की घटना में पुलिस की चूक के विरोध में जबरदस्ती पुलिस थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की।
भीड़ ने पुलिस थाने में तोड़फोड़ की और झड़प में गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाने नहीं दिया। साथ ही पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में तीन चक्र गोलियां भी चलाईं।
स्कूली छात्रा की हत्या के बाद से ही शिमला में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। लड़की के परिजनों ने शंका जताई है कि मामले के वास्तविक दोषी जो हाई-प्रोफाइल परिवार से ताल्लुक रखते हैं, वे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की सिफारिश की थी। पुलिस ने कहा है कि स्कूल से घर लौटते वक्त छात्रा को रास्ते में आरोपियों ने अपनी गाड़ी में लिफ्ट देने की पेशकश की। रास्ते में उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया और नजदीक के जंगल में उसकी हत्या कर दी।
गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी राजिंदर सिंह, आशीष चौहान, सुभाष बिष्ट, दीपक कुमार, सूरत सिंह तथा लोकजन शामिल हैं। राजिंदर सिंह ने ही छात्रा को लिफ्ट दी थी।
शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप ने राज्य में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह नाकामी को लेकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा के नेतृत्व में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की और राज्य को कानून-व्यवस्था बरकरार रखने का निर्देश देने का अनुरोध किया।