शिमला। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले 34 सीटों वाले शिमला नगर निगम में सर्वाधिक सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।
शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर भाजपा और कांग्रेस के लोगों की भारी भीड़ जमा है और दोनों की अपने प्रत्याशियों के जीत का जश्न ढोल और नगाड़ों की थाप पर मना रहे हैं।
कौन कहां से जीता
वार्ड नं-1 भराड़ी से कांग्रेस समर्थित तनुजा चौधरी
वार्ड नं-2 रूल्दुभट्टा से बीजेपी समर्थित संजीव ठाकुर
वार्ड नं-3 कैथू से बीजेपी समर्थित सुनील धर
वार्ड न-4 अनाडेल से भाजपा समर्थित उम्मीदवार कुसुम सदरेट
वार्ड न-5 समरहिल से सीपीआईएम समर्थित उम्मीदवार शैली शर्मा
वार्ड न-6 टूटु से भाजपा समर्थित उम्मीदवार विवेक शर्मा
वार्ड न-7 मझाठ से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार दिवाकर देव शर्मा
वॉर्ड-8 बालूगंज से भाजपा समर्थित किरण बाबा
वॉर्ड-9 कच्चीघाटी से आजाद प्रत्याशी संजय परमार
वॉर्ड-10 से कांग्रेस समर्थित आनंद कौशल
वॉर्ड-11 नाभा से कांग्रेस समर्थित सिमी नंदा
वॉर्ड-12 से भाजपा समर्थत जगजीत बग्गा
वार्ड नं-19 इंजन घर से बीजेपी समर्थित सत्या कौंडल
वार्ड नं- 20 अप्पर ढली से बीजेपी समर्थित कमलेश मेहता
वार्ड नं-21 लोअर ढली से बीजेपी समर्थित शैलेंद्र चौहान
वार्ड नं- 22 शांति विहार से निर्दलीय शारदा चौहान
वार्ड नं-23 से भट्टा कुफर से कांग्रेस समर्थित रीटा ठाकुर
वार्ड नं-24 सांगटी से कांग्रेस समर्थित मीरा शर्मा
वार्ड नं-25 मलयाणा से कांग्रेस समर्थित कुलदीप ठाकुर
वार्ड न- 26 पंथाघाटी से आजाद प्रत्याशी राकेश शर्मा
मतदान शुक्रवार को हुआ था, जिसमें 91,000 से भी अधिक योग्य मतदाताओं में से करीब 58 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। मतगणना के बाद 50 महिलाओं समेत 126 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
चुनाव में निर्वासित तिब्बतियों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चेन्नई तथा कोलकाता के बाद शिमला सबसे पुराना नगर निगम है।
शिमला नगर निगम चुनाव में 60 फीसदी मतदान
चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिन्हों पर चुनाव नहीं लड़ा।
भाजपा ने 34 उम्मीदवारों, कांग्रेस ने 27 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 22 उम्मीदवारों का समर्थन किया है। शिमला नगर निगम पर 26 वर्षो से कांग्रेस काबिज रही है।
वर्ष 2012 में माकपा ने महापौर, उप महापौर और साथ ही एक पार्षद की सीट जीती थी। इस प्रकार माकपा ने केवल तीन सदस्यों की बदौलत 25 सदस्यीय सदन में शासन किया था। अधिकांश पार्षद कांग्रेस के थे।