शिमला। दो नन्हें बच्चों अमानत और निशांत को बुधवार को अपनी असली मां की गोद मिल गई। पांच माह पूर्व 26 मई को ये दोनों बच्चे अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही से आपस में बदल दिए गए थे।
जन्म की उस रात डिलीवरी के दौरान डयूटी पर तैनात कर्मचारियों ने अमानत को शीतल की बेटी बताया और निशांत को अंजना का बेटा। पांच माह तक अंजना और शीतल इन बच्चों को पालती रहीं।
डीएनए परीक्षण में खुलासा हुआ कि दोनों बच्चों को बदला गया था तथा अमानत अंजना और निशांत शीतल की मां है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझा और उपनगर खलीनी में अंजना के निवास स्थान पर बुधवार को आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में दोनों परिवारों ने बच्चों की अदला-बदली कर ली। इस तरह अब जहां मंडी की शीतल को अपना बेटा मिल गया है, वहीं शिमला की अंजना को भी अपनी बेटी मिल गई है।
इस कार्यक्रम में बच्ची के स्वागत में पूरे परिवार की ओर से स्वागत द्वार सजाए गए थे। कार्यक्रम में मौजूद दोनों पारिवारिक सदस्य उस समय बेहद भावुक हो गए जब बच्चों की अदला-बदली की जा रही थी।
इस दौरान दोनों ही बच्चे अपनी असल मां के पास जाने के दौरान रोने लगे, जिसके चलते दोनों को एक बार फिर पालन करने वाली मां की गोद दी गई। तब कहीं दोनों बच्चे शांत हुए।
इस अवसर पर अमानत की दादी ने कहा कि उन्हें तथा उनके परिवार को कभी भी ऐसा नहीं लगा कि निशांत के हाव-भाव, नयन-नक्षक अलग हैं। सभी बातें मिलती थी। न जाने कैसे यह सब हुआ इसके कारण अब तक सभी परेशान है।
वहीं अमानत की ताई का कहना था कि ईश्वर किसी भी मां-बाप को ऐसी स्थिति में न डाले कि जब उसे यह पता चले कि जिस बच्चे को वह अपना मान कर पालन-पोषण कर रहे हैं वह किसी और का है।
हम तो आज भी निशांत को किसी और का बच्चा स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। कुल मिलाकर इस घटना ने दोनों परिवारों को एक अटूट रिश्ते की डोर में भी बांध दिया।