मुंबई। दालों और अन्य खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम को लेकर व्यंग्य करते हुए शिवसेना ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को अपनी पत्नी की बात सुन लेने और दामों में नियंत्रण में लाने की सलाह दी।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, जिन लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया, वे कम से कम अपना खाद्यान्न खरीदने में तो सक्षम हो पाएं।
यह सरकार जमाखोरों एवं कालाबाजारियों के लिए नहीं है। मुख्यमंत्री की पत्नी ने महंगाई के खिलाफ बोला है जिसके लिए हम उनके आभारी हैं….मुख्यमंत्री को अपनी पत्नी की बात सुननी चाहिए।
उन्होंने कहा कि करीब 40,000 मीट्रिक टन जब्त दाल गोदामों में पड़ी है। सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ने कहा कि क्या उसे सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। उस दाल को आम आदमी की थाली में जाने दीजिए।
यदि ऐसा नहीं होता है, तो क्या उसे उन लोगों के वास्ते स्मारक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए रखा गया है जिनकी जान भूख के चलते चली गयी या फिर उन आदिवासी बच्चों के लिए, जो कुपोषण से मर जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि जैसे दालों के दाम बढ़ने लगे, सरकार ने उनकी जमाखोरी करने वालों के ठिकानों पर छापा मारना शुरू किया। लेकिन इस सब के बावजूद दाम नीचे नहीं आए।
पार्टी ने कहा कि भाजपा ने कहा था कि तूर दाल 100 रूपए प्रति किलोग्राम पर बेची जाएगी। राज्य के लोग अब भी उसका इंतजार कर रहे हैं। यदि वे इस दाम पर दाल बेच पाते हैं तो हम मुख्यमंत्री और भाजपा के मंत्रियों को पूरा श्रेय देने को तैयार हैं।
शिवसेना के अनुसार मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की पत्नी अमृता फड़णवीस ने कहा था कि दाल के दाम आम लोगों को बेहद परेशान कर रहे हैं और उन्हें नियंत्रण में लाने की जरूरत है।