मुंबई। मुंबई महानगरपालिका सहित राज्य की 10 मनपा व जिला परिषद चुनाव में भाजपा व शिवसेना के बीच चुनावी गठबंधन नहीं होगा। गुरुवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यह घोषणा गोरेगांव में आयोजित शिवसेना की सभा को संबोधित करते समय की है।
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के 50 वर्षों में 25 साल गठबंधन की वजह से बेकार हो गए। इसलिए शिवसेना किसी के दरवाजे पर भीख मांगने नहीं जाएगी। उन्होंने इस अवसर पर अपने सहयोगी भाजपा पर जोरदार प्रहार किया और कहा कि भाजपा में अगर हिम्मत है तो समान नागरिक संहिता लागू करें।
इसी प्रकार भाजपा ने सरकारी कार्यालयों में से देवी देवताओं का फोटो हटाने का निर्णय लिया। सत्ता में सहयोगी होते हुए इस मुद्दे पर शिवसेना से सलाह मशविरा नही किया गया। यही भाजपा उत्तरप्रदेश में राम के नाम पर वोट मांगने निकली है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने मुंबई सहित समूचे राज्य में लोगों का काम किया है और संकट के समय में सबकी सुरक्षा की है। इतना ही नहीं आम मुंबई वासी व राज्य का नागरिक चाह रहा है कि शिवसेना अपने बल पर चुनाव लड़े।
इसलिए आम जनता की इच्छा को ध्यान में रखते हुए शिवसेना किसी भी चुनाव में किसी भी दल के साथ चुनावी गठबंधन नहीं करने वाली है।
मुंबई महानगर पालिका में भाजपा की ओर से लगाए गए भ्रष्ट्राचार के आरोपों पर उद्धव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि स्थाई समिति की बैठक में भाजपा के लोग अगर भ्रष्ट्राचार हो रहा था, तो चुप क्यों बैठे थे।
उद्धव ने कहा कि आम जनता के बीच शिवसेना अपने काम के बल पर जाएगी और मुंबई मनपा ही नहीं राज्य में हो रहे अन्य मनपा चुनाव जिला परिषद चुनाव में भगवा फहराने वाली है। उन्होंने सभी शिवसैनिकों को जोरदार तरीके से प्रचार कार्य में जुट जाने का आदेश दिया है।
इस बारे में भाजपा की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता माधव भंडारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा 28 जनवरी को होने वाली आम सभा में अपनी भूमिका साफ़ करेगी।