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Shiv Sena questions pm modi over his black money promise
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कालेधन के मामले में शिवसेना ने पीएम मोदी को घेरा

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कालेधन के मामले में शिवसेना ने पीएम मोदी को घेरा
Shiv Sena questions pm modi over his black money promise
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Shiv Sena questions pm modi over his black money promise

मुंबई। भाजपा-शिवसेना में बयानबाजी को लेकर घमासान मचा हुआ है। अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना की संपादकीय में प्रधानमंत्री को घेरते हुए उनके चुनावी वादे को लेकर सवाल किया है।

आखिर केंद्र सरकार ने दो साल के कार्यकाल में देश के कितने लोगों के खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाया है। इस तरह से शिवसेना ने पीएम नरेंद्र मोदी के कालेधन पर बयान को लेकर अपने मुखपत्र सामना में निशाना साधा है।

प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम पर तंज कसते हुए शिवसेना ने लेख का शीर्षक चाय से ज्यादा केतली गरम… मन की बात! दिया है। शिवसेना ने कालेधन को केंद्र में रखकर लिखा है कि देश बदल रहा है, लेकिन हमें मुफ्त चाय नहीं चाहिए? चुनाव से पहले जो वचन दिया था, उसके अनुसार हमारे बैंक खाते में 15 लाख रुपए कब जमा करते हो, यह बताओ?

ऐसा कोई सिरफिरा चाय की चुस्की मारते हुए पूछे तो क्या किया जाए? उसे मारें, जलाएं या पकड़ें, ऐसा सवाल कुछ लोगों के मन में उठ सकता है। सामना में ऐसा सवाल पूछने वालों के लिए जवाब का जिक्र भी किया है। लेख में लिखा गया है बाबा रे, प्रधानमंत्री मोदी 50 साल की गंदगी साफ कर रहे हैं।

उनके हाथ में छड़ी जरूर है, लेकिन वह जादू की छड़ी नहीं है। इसलिए सिर्फ दो साल में सब कुछ बदल जाएगा, ऐसी उम्मीद मत पालो, प्रधानमंत्री को कुछ समय दो। शिवसेना ने आगे लिखा है, कालाधन उद्योगपति, फिल्मवाले और आतंकवादी संगठनों के साथ राजनीति में भी अधिक खनकता है और वहीं पर बूच मारने की अधिक जरूरत है।

कालाधन ढूंढने के लिए स्विट्जरलैंड या मॉरिशस जाने की जरूरत नहीं। कालाधन हमारे घर में है, उसे खोदकर निकालें तो भी मोदी का मिशन सफल हो जाएगा। लेख में लिखा गया है कि मोदी के मन की बात कडक़ चाय की तरह है, लेकिन मुंबई में कालेधन पर लोग मन की बात सुनें, इसलिए कई स्थानों पर मुफ्त में चाय-पानी की व्यवस्था की गई।

संपादकीय में लिखा गया है कि अगर कोई सिरफिरा सत्य बोलता है इसलिए उसे मारें, जलाएं यह बोलना हमारी संस्कृति में फिट नहीं बैठता है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रति ममत्व होने के कारण शिवसेना ने आगे लिखा है, हम यह विनम्रता से कह रहे हैं! चाय की तुलना में केतली गरम… इसे ही कहते हैं! अब देखना है कि भाजपा शिवसेना को किस तरह से जवाब देती है।