मुंबई। बीजेपी के साथ अतीत की कड़वाहटों को भुलाते हुए महाराष्ट्र की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी शिवसेना ने भाजपा सरकार में शामिल होने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरूवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें शिवसेना के 10 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
महाराष्ट्र में ऎसा पहली बार हो रहा है कि जब एक विपक्षी पार्टी सत्तारूढ़ पार्टी के साथ गठबंधन सरकार में शामिल हो रही है। दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं के एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान फडणवीस ने कहा कि नई व्यवस्था के मुताबिक, शिवसेना से सरकार में पांच कैबिनेट तथा सात राज्य मंत्री होंगे।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा कि दोनों पार्टियों ने एक बार फिर साथ आने का फैसला किया है और वह प्रदेश में एक स्थिर सरकार का संचालन करेंगे।
शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में दोबारा मिठास आने के साथ ही 287 विधानसभा सदस्यों (एक भाजपा विधायक का चुनाव परिणाम के बाद अक्टूबर में देहांत हो गया था) वाली महाराष्ट्र विधानसभा में अब इस गठबंधन के 184 सदस्य होंगे। राज्य में भाजपा के पास 121 विधायक हैं जबकि शिवसेना के विधायकों की संख्या 63 है।
उल्लेखनीय है कि दोनों पार्टियों के बीच 25 वर्ष पुराना गठबंधन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर 25 सितंबर को टूट गया था।
दोनों दलों के दोबारा से साथ होने की दो महीने से चल रहीं अटकलों पर विराम लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को नकार दिया था। हमने जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस संदर्भ में फैसला लिया गया है और अब हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।
देसाई ने कहा कि हम एक अच्छी सरकार प्रदान करने का प्रयास करेंगे और हमें विश्वास है कि हम लोगों के जनादेश पर खरे उतरेंगे। फडणवीस ने शिवसेना की उप-मुख्यमंत्री पद की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए कहा कि राज्य में उप-मुख्यमंत्री का पद नहीं होगा।
1995-99 के दौरान भाजपा और शिवसेना की पहली गठबंधन सरकार के दौरान शिवसेना के पास मुख्यमंत्री का पद था तो वहीं भाजपा ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाला था। सभी मंत्रियों के नाम दोनों पार्टियों ने लगभग तय कर लिए हैं और शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को होगा।
इस गठबंधन से फडणवीस को काफी राहत पहुंचेगी क्योंकि सरकार नागपुर में सोमवार को विधानसभा के अपने पहले पूर्ण शीतकालीन सत्र के लिए तैयार है। नागपुर राज्य की दूसरी राजधानी है। संकेतों के मुताबिक सेना से 10, जबकि भाजपा से 8-10 विधायकों को मंत्रिपद से नवाजा जाएगा।
फडणवीस ने कहा कि कैबिनेट में अन्य छोटे सहयोगी साझेदारों को शामिल करने पर फैसला बाद में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों पार्टियां 25 वर्षो तक साथ रहीं। लेकिन कुछ कारणों से हम अलग हुए। साझा सिद्धांतों तथा विचारों पर हम एक बार फिर साथ हैं। फडणवीस ने घोषणा की है कि दोनों पार्टियां आगामी सभी चुनाव-पंचायत, नगरपालिका परिषद तथा निगम चुनाव-साथ मिलकर लडेंगे।