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Shivganj : maternal death due to medical negligence
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शिवगंज में चिकित्सकीय लापरवाही से प्रसूता की मौत, डाक्टर सस्पेंड

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शिवगंज में चिकित्सकीय लापरवाही से प्रसूता की मौत, डाक्टर सस्पेंड
Shivganj : maternal death due to medical negligence
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Shivganj : maternal death due to medical negligence

शिवगंज। राजकीय सामुदायिक अस्पताल में रविवार को प्रसव के लिए लाई गई आल्पा गांव की एक प्रसुता की प्रसव के बाद अधिक रक्त स्त्राव होने की वजह से मौत हो गई। प्रसुता की मौत के बाद आक्रोशित उसके परिजनों सहित मीणा समाज के लोगों ने शव को अस्पताल परिसर में रख धरना प्रदर्शन किया।

प्रशासनिक अधिकारियों तथा समाज के लोगों के बीच चार दौर की वार्ता के बाद आखिरकार आरोपित चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया। मृतका के शव का मेडीकल बोर्ड से पोस्टमार्टम भी करवाया गया है। इधर, मृतका के परिजनों की ओर से पुलिस थाने में चिकित्सक डॉ गोपालसिंह के विरूद्ध उपचार में लापरवाही करने तथा रूपए मांगने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है।

जानकारी के अनुसार आल्पा गांव निवासी दिनेश कुमार मीणा की पत्नी पवनी मीणा को रविवार को प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया था। जहां डॉ गोपालसिंह ने उसका चिकित्सकीय परीक्षण कर भर्ती कर दिया गया। जानकारी मिली है कि जिस समय प्रसूता को अस्पताल लाया गया उस समय की गई प्रयोगशाला जांच में उसके शरीर में रक्त की मात्रा 6 ग्राम ही बताई गई।

बावजूद इसके चिकित्सक ने कथित रूप से इसे नजरअंदाज करवाते हुए उसका प्रसव करवा दिया। प्रसव के तुरंत बाद ही उसकी हालत बिगडने लगी। अधिक रक्त स्त्राव होने की वजह से उसे आनन फानन में सिरोही के लिए रेफर कर दिया गया। उसके परिजन उसे उपचार के लिए सिरोही ले गए, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और उदयपुर जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड दिया।

shivganj2लापरवाही पर गहराया आक्रोश

प्रसूता की मौत होने से उसके परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया तथा वे देर रात्रि शव को शिवगंज अस्पताल लाकर एम्बूलेंस में ही रख दिया। इस घटना की सुबह मीणा समाज के लोगों को जानकारी मिलने पर वे अस्पताल में एकत्रित होने लगे। 9 बजे तक अस्पताल में भारी संख्या में लोग जमा हो गए। मृतका के परिजनों सहित समाज के लोगों ने चिकित्सक को निलंबित करने तथा उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाने की मांग को लेकर अस्पताल के पोर्च में ही धरना शुरू कर दिया।

अलर्ट हुआ प्रशासन

मीणा समाज की प्रसूता की मौत होने तथा अस्पताल में धरना प्रदर्शन होने की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हो गए। कुछ ही देर में उपखंड अधिकारी शक्तिसिंह भाटी, पुलिस उप अधीक्षक तेजसिंह, पुलिस निरीक्षक पुष्पेन्द्र वर्मा, उप निरीक्षक पबाराम मीणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील परमार, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशल ओहरी अस्पताल पहुंच गए। इन अधिकारियों ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने।

हमें मुआवजा नहीं निलंबन चाहिए

मृतका के परिजनों ने कहा कि हम यहां सरकार से किसी प्रकार का मुआवजा लेने के लिए नहीं आए है। हमें तो उपचार में लापरवाही करने वाले चिकित्सक डॉ गोपालसिंह का निलंबन चाहिए। उन्हें निलंबित कर दो हम शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाएंगे। मृतका के परिजनों ने चिकित्सक पर उपचार के लिए रूपए मांगने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि पैसे नहीं देने की वजह से ही पवनी के उपचार में कौताही बरती गई जिससे उसकी मौत हो गई।

shivganj3राज्य मंत्री को कराया अवगत

मामले को लेकर भाजपा नेता दिनेश मीणा ने राज्य मंत्री ओटाराम देवासी से दूरभाष पर वार्ता कर घटना से अवगत करवा कार्रवाई करवाने की मांग की। मंत्री देवासी ने उन्हें आश्वासन देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुशील परमार को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

तीन दौर में नहीं निकला नतीजा, चौथे में बनी बात

मीणा समाज के प्रबुद्ध लोगों तथा परिजनों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की तीन दौर की वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। धरनार्थी चिकित्सक के निलंबन पर ही अडे रहे।

चौथे दौर की वार्ता में शामिल हुए प्रतिनिधि मंडल जिसमें मीणा युवा संघ जोधपुर संभाग के महामंत्री एवं भाजपा नेता दिनेश मीणा, प्रवक्ता छगन मीणा चान्दाणा, युवा संघ सिरोही जिलाध्यक्ष रघुनाथ मीणा पंचदेवल, एडवोकेट शंकर मीणा सुमेरपुर, राष्ट्रीय मीणा युवा महासभा सिरोही के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण मीणा, भेराराम पलासिया,पार्षद प्रकाश राज मीणा छावणी,गोपाल मीणा केसरपुरा, पूर्व सरपंच रतन देवासी आल्पा, कान्तिलाल हिरागर बडंगाव, प्रकाश मीणा चान्दाणा आदि पदाधिकारियों सहित मृतका के परिजनों ने अधिकारियों को अपनी मांग दोहराते हुए न्याय दिलवाने की मांग की। आखिरकार चौथे दौर की वार्ता के बाद प्रशासन और धरनार्थियों के बीच सहमति बनी तथा वे मेडीकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए।

निलंबन आदेश के बाद उठाया शव

मामले को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट निदेशालय को प्रेषित करने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय के निदेशक ने डॉ सिंह को निलंबित करते हुए जयपुर मुख्यालय पर अपनी सेवाएं देने के निर्देश दिए। धरनार्थियों को डॉ के निलंबन की प्रति दिए जाने के बाद वे शव को उठाने को राजी हुए।

दर्ज करवाया मुकदमा

इस मामले में मृतका के पति दिनेश कुमार ने पुलिस थाने में डॉ गोपालसिंह के खिलाफ उपचार के लिए रूपए मांगने तथा मांग पूरी नहीं किए जाने पर उपचार में कौताही करने का मामला दर्ज करवया है। गौरतलब है कि पूर्व में भी डॉ सिंह पर प्रसव के लिए प्रसूता के परिजनों से रूपयों की मांग किए जाने संबंधित शिकायतें हो चुकी है। इतना ही नहीं पिछले दो तीन माह में करीब चार महिलाओं की प्रसव के बाद अधिक रक्त स्त्राव होने से मृत्यु हो चुकी है।