चंडीगढ। घर में ढाई साल की बच्ची से चीनी गिर गई तो मां ने उसकी जान ही ले ली। गुस्से में मां ने बच्ची को ऐसा मारा कि सिर दीवार से टकराने से उसकी जान ही चली गई।
गुस्साई मां को जब अपनी करनी का अहसास हुआ तो वह पश्चाताप करने लगी, लेकन बच्ची की सांसे उखड चुकी थी। मां से कातिल बनी मां का कहना था कि एक दिन पहले ही हमने मकान बदला था। सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। मैं बाहर से कुछ काम करके आई और सामान को सेट करने में जुट गई।
काम ज्यादा होने से स्वभाव चिड़चिड़ा था। बड़ी बेटी सोनी, 8 साल का प्रिंस और छोटा बेटा सौरभ बाहर खेल रहे थे। ढाई साल की बेटी पीहू घर के अंदर थी। खेलते-खेलते उसने चीनी गिरा दी। गुस्से में मैंने पीहू को थप्पड़ मारा, जिससे उसका सिर दीवार पर टकराया। वह बेहोश हो गई।
नाक के पास हाथ ले जाकर उसकी सांसें चेक की। सांसें नहीं चल रही थी। मैं डर गई। एक बार सोचा कि पति को बता दूं, लेकिन मार पड़ने के डर के चलते किडनैपिंग का ड्रामा करने की सोची। फिर शव को थैले में डाला और सारंगपुर से खुड्डा लाहौरा जाने वाली सड़क पर पहुंची।
ऑटो में इंडस्ट्रियल एरिया गई और यहां एक गाड़ी के पास थैले को फेंक आई। घर आकर पति को बताया कि पीहू गुम हो गई है। पहले दोनों ने आसपास के एरिया में चेक किया और फिर पुलिस में शिकायत दी।
अगले दिन जब बेटी के चेहरे को कुत्ते द्वारा खाया हुआ देखा तो खुद को शर्मसार महसूस किया। मामूली बात पर पीटने और अपना झूठ छिपाने के लिए बच्ची को मार दिया मैंने। मेरी वजह से बेटी की यह हालत हुई, यह मलाल जीवन भर रहेगा। भगवान मुझे कभी माफ न करे।