जयपुर। श्रीनगर के शोपियां में आतंकी हमले में शहीद हुए करौली निवासी सिपाही विकास गुर्जर को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव अंधियाखेड़ा में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
सिपाही विकास गुर्जर का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय हजारों लोग मौजूद थे। शहीद को 21 राउंड फायर कर सेना और पुलिस के जवानों ने सलामी दी।
इससे पूर्व शहीद विकास कुमार की पार्थिव देह को तिरंगे में लपेट कर अंत्येष्टि स्थल लाया गया। शहीद की पार्थिव देह के अंतिम दर्शनों के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ मौजूद थी। पूरे गांव में शोक का माहौल है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शहीद विकास कुमार की शहादत पर शोक जताया है। भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश राजौरिया सीएम का संदेश लेकर शहीद के गांव पहुंचे थे। शुक्रवार सुबह शहीद गुर्जर की पार्थिव देह को कश्मीर से जयपुर एयरपोर्ट लाया गया।
एयरपोर्ट पर सेना और पुलिस के अधिकारियों ने पार्थिव देह पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बाद में पार्थिव देह को अधिकारियों ने पैतृक गांव आंधियाखेड़ा के लिए रवाना किया। शहीद के बडे भाई जितेन्द्र ने बताया कि जैसे ही यह सूचना उसके पास पहुंची तो परिजनों पर तो मानो पहाड़ टूट पड़ा।
पत्नी रामराजी व मां नीरी देवी की सिसकियां नहीं थमीं। जितेन्द्र ने बताया कि उस सहित तीन भाईयों में विकास सबसे छोटा हैं। बड़े भाई लक्खी गुर्जर कांस्टेबल है। वह खेती-बाड़ी संभालता है। इधर परिजनों को बिलखता देख शहीद की ढाई वर्षीय पुत्री सोनम तथा आठ माह की ट्वेंटी पथराई आंखों से देखतीं रहीं।
जितेन्द्र ने बताया कि विकास 2010 में 23 राजपूत बटालियन में भर्ती हुआ। वह जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात था। बुधवार को आतंकवादियों के आने की सूचना थी।
इस पर वह अन्य जवानों के साथ गश्त पर निकला था। लौटते समय आतंकियों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया। जिसके कारण विकास समेत दो और सैन्यकर्मी शहीद हो गए तथा पांच घायल हो गए।