जयपुर। जानकी नवमी के पावन पर्व पर अम्बाबाडी स्थित बालिका आदर्श विद्या मंदिर में जानकी को उनके राम मिले। अवसर था सेवा भारती राजस्थान और श्रीराम-जानकी विवाह समिति की ओर से आयोजित सातवें सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का।
हिंदु समाज में सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने और जातिगत बंधनों को तोड़ने के लिए इस प्रकार के सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। सम्मेलन में हिंदु समाज की अलग अलग 19 जातियों के 44 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधें।
सम्मेलन के मीडिया प्रभारी अनिल शुक्ला ने बताया कि इस सम्मेलन में छह जोड़ों ने अंतर जातीय विवाह भी किया। सेवा भारती महिला मंडल की सदस्यों ने दुल्हनों की मां की भूमिका निभाई, जिसमें वे दुल्हनों को संजाने, संवारने से लेकर उनकी गृहस्थ की वस्तुओं के साथ विदाई भी की। इसके अतिरिक्त महिला मंडल ने इस सम्मेलन के लिए आर्थिक सहयोग भी जुटाया है।
सेवा-समर्पण-सहयोग से सम्पन्न हुआ कार्यक्रम
सेवा भारती द्वारा आयोजित इस सर्वजातीय विवाह सम्मेलन में सेवा, समर्पण और सहयोग का अनुपम रूप देखने को मिला। जिसमें समाज के सैकडों बन्धुओं ने वर-वधु के परिवार के रूप में हर व्यवस्था को सम्भाला और विवाह संस्कार सम्पन्न करवाया।
यह आयोजन समाज में समरसता का सन्देश प्रदान करने वाला रहा, जिसमें में न जाति का बन्धन दिखा न छोटे-बडे, अमीर गरीब का भाव, हर व्यक्ति ने अपनी श्रद्धा अनुसार तन-मन-धन का सहयोग प्रदान किया।
एक स्थान पर सभी अतिथियों की भोजन व्यवस्था
राम जानकी विवाह सम्मेलन में वर-वधु के परिवार, मित्रों तथा अन्य अतिथियों के लिए भोजन व्यवस्था एक पाण्डाल में सामूहिक रूप से कि गई।
संतों का मिला आशीर्वाद
नव दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए महामंडलेश्वर पूज्य श्रीराम बालकदासजी महाराज, पूज्य सियाराम दास जी महाराजए संत हरिशंकर दास महाराज, महामंडलेश्वर श्री बालमुकुंदाचार्य, संत मुन्नादास खोड़ा और साध्वी समदर्शी जी सम्मेलन में शामिल हुए।
विवाह समिति के संयोजक नवल बगड़िया ने बताया कि त्रिवेणीधाम के संत श्री नारायणदासजी महाराज, रेवासाधाम के स्वामी डॉ. राधवाचार्य वेदांती के आशीर्वाद और परम सान्निध्य में इस सम्मेलन का आयोजन हुआ।
छह साल से हो रहा सर्वजातीय विवाह सम्मेलन
श्री राम जानकी विवाह समिति की ओर से आयोजित यह जयपुर में आयोजित होने वाला सांतवा सम्मेलन सम्पन्न हुआ। विवाह समिति की ओर से सात साल में राजस्थान में 1651 जोड़ों का विवाह संपन्न करवाया गया है। इनमें जयपुर शहर में 319 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया है।