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पूंजीपतियों की हितैषी और मजदूरी विरोध मोदी सरकारः श्रीमाली - Sabguru News
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पूंजीपतियों की हितैषी और मजदूरी विरोध मोदी सरकारः श्रीमाली

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पूंजीपतियों की हितैषी और मजदूरी विरोध मोदी सरकारः श्रीमाली
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान प्रदेश मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीशराज श्रीमाली ने खण्डेलवाल छात्रावास के सभा भवन में सिरोही जिले के इंटक मजदूर यूनियन के सम्मेलन को संबाधित करते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी व राज्य की वसून्धरा सरकार पूजीपतियों की हितैषी व मजदूर विरोधी हैं ।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नरेन्द्र मोदी विदेशों में जाकर भारत पूंजी निवेश का न्योता दे रहे हैं । प्रदेश की मुख्यमंत्री रिसर्जेन्ट नाम पर पूजिपतियों को आमंत्रित कर रही हैं उससे मजदूर का निवाला छीनने का काम होगा । श्रीमाली ने कहा कि इसी तरह भाजपा सरकारें सरकार के सभी उपक्रमों को पीपीपी मोड पर देने पर उतारू हैं उससे साफ जाहिर हैं कि ये सभी लाभ मजदूरों से छीनकर पूजीपतियों को देना चाहते हैं ।

प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश में मजदूर किसान के पसीने की कोई कीमत नही हैं जबकि पूजीपतियों को हर सुविधा उनके मनमाफिक मिल जाती हैं । उन्होंने कहा कि आज किसान जब अपनी फसल पैदा करके बाजार में बेचने जाता है तो उसका मूल्य सरकार तय करती हैं जो नफायुक्त नहीं होकर लागत से भी कम होती हैं जबकि कोई भी पंूजीपति अपने प्रोडक्ट की किमत मुनाफा जोड़कर खुद तय करता हैं इस विभेद के कारण ही देश में किसानों व मजदूरों को आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हांेने कहा कि पिछले तीन साल के बाद प्रदेश में वसुन्धरा की सरकार ने मात्र 12 रुपये मजदूरी की बढोतरी की हैं जबकि महगांई दो गुणा से भी अधिक बढ़ी है । इससे मजदूरों की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है । उन्होने कहा कि भाजपा का राज हमेशा मजदूर विरोधी साबित हुआ हैं ।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि आज देश में मजदूर विरोधी वातावरण बन रहा हैं । देश की सरकारे इस तरह के कानून बनाने में लगे हैं जिसमें वर्तमान में किसी भी जगह पर कार्यरत कुल मजदूरांे की 15 प्रतिशत सदस्यता किसी मजदूर संगठन की होती हैं तो उस संस्था को उसकी मान्यता प्रदान करनी होती हैं, लेकिन राज्य की वसुन्धरा सरकार इसमें बड़ा परिवर्तन करके इसे 30 प्रतिशत करने पर उतारू हैं। जिसका सीधा लाभ पूजीपतियों को मिलेगा । इस तरह के सरकार के फैसलों को रोकने के लिए मजदूरों को संगठित होना बहुत जरूरी हैं ।

उन्होंने कहा कि वे सदैव मजदूरों के अधिकारों के प्रति और उनकी सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहे हैं आगे भी जिले के मान्यता प्राप्त संगठनो के मजदूरो व गैर मान्यता प्राप्त मजदूरों के हितांे के लिए जागरूक रहे संघर्ष के लिए सदैव तत्पर रहेगें । उन्हांेने कहा कि कई बार मजदूर संगठन के नेता मजदूरों के हितो के बजाय मालिकों से मिलकर अपने हित स्वार्थ में लग जाते हैं जिसका दुषपरिणाम मजदूरों झेलना पडता हैं । लोढ़ा ने कहा कि पिछले कुछ समय से जिले में इस तरह के वातावरण से मजदूरों को काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ी हैं।
उन्हांेने कहा कि अब जो मजदूर संगठन के नेता बने हैं वे मजदूरों को संगठित करने उनके मिलने वाली सुविधाओं के प्रति जागरूक रहकर काम करें तो अवश्य ही मजदूरों के शोषण को रोका जा सकता हैं । सम्मेलन में शिवगंज पंचायत समिति के प्रधान जीवाराम आर्य, उपप्रधान मोटाराम देवासी, करणी सेना के जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवडा, मजदूर यूनियन (इंटक) लक्ष्मी सीमेन्ट के अध्यक्ष इन्द्रसिंह देवडा बिनानी सीमेन्ट के सामीरा राम, कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष हमीद कुरैशी भी अतिथि के रूप में उपस्थ्ति थे।
सम्मेलन आरम्भ में यूनियन के भंवरसिंह ने स्वागत भाषण देते हुये मजदूरों की समस्या रखी । लक्ष्मी सीमेन्ट यूनियन के पदाधिकारी रामाराम, भंवरलाल मोहन पुरोहित हरियाराम लादूसिंह मादूराम परमजीतसिंह, भूरारारम, आजादसिंह, युवक कांगेस महामंत्री गौरव अग्रवाल, गुजराराम, अजरूद्दीन मेमन, बिनानी यूनियन के पदाधिकारी गणपतसिंह देवडा, रतनसिंह, धनाराम, नरपतसिंह राणावत, रमेश रावल, कमलेश रावल, आबूरोड रोडवेज मजदूर यूनियन (इंटक) अध्यक्ष प्रेमसिंह देवडा व सचिव नारायणसिंह, जिला कांग्रेस महामंत्री छगनलाल गेहलोत, सचिव मुख्तीयार खान, विनोद देवडा सहित सैकड़ो मजदूर व कार्यकर्ता उपस्थित थे।