मेलबर्न। भारतीय मूल के 41 वर्षीय व्यक्ति पर आरोप है कि उसने भारतीय मूल का ब्रिटिश डॉक्टर बनकर ऑस्ट्रेलिया में एक दशक से ज्यादा वक्त तक विभिन्न अस्पताल में काम किया है। उस पर ‘सबसे गंभीर स्तर’ का अपराध करने के लिए 30,000 डॉलर का अधिकतम जुर्माना लगाया गया है।
श्याम आचार्या, सारंग चिताले की पहचान धारण करके 2003 में ऑस्ट्रेलिया पहुंचा। उसने खुद के बारे में बताया कि वह ब्रिटेन में रूमेटेलॉजिस्ट है और न्यू साउथ वेल्स एनएसडब्ल्यू हेल्थ में काम करने लगा।
मेनचेस्टर के पास लेइघ इनफरमेरी में काम करने वाले चिताले को उस वक्त झटका लगा जब उन्हें मालूम हुआ कि आचार्य ने उनकी पहचान चोरी कर ली है।
आचार्य ने चिताले के नाम पर ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता, पासपोर्ट और संपत्ति भी हासिल कर ली। उसने 2003 से 2014 तक एनएसडब्ल्यू हेल्थ के तहत चार अस्पतालों में कनिष्ठ डॉक्टर के तौर पर काम किया।
स्थानीय मीडिया ने खबर दी है कि सिडनी के डॉउनिंग केंद्रीय स्थानीय अदालत की मजिस्ट्रेट जेनिफर एटकिंसन ने अपराध को बहुत गंभीर स्तर का पाया और 30,000 डॉलर का अधिकतम जुर्माना लगाया। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि आचार्य 22,000 डॉलर से ज्यादा के अभियोजन खर्च का भी भुगतान करे।
आचार्य ने चिताले की विश्वविद्यालय की डिग्रियां और चिकित्सा प्रमाण पत्र कथित तौर पर चुरा लिए थे, तब वर्ष 1999 और 2000 के बीच वे दोनों भारत में चिताले की दादी के यहां साथ रहते थे।