जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा रोडवेज को निजीकरण की दिशा में धकेलने वाले बजट सत्र में पारित किए गए प्रस्तावों के विरोध में 20 से 30 सितम्बर तक बस स्टेण्डों पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निमित्त प्रेषित किए जाने वाले पत्रों पर यात्रियों से हस्ताक्षर करवाने का अभियान शनिवार से शुरू किया गया।…
रोडवेज के एटक, बीएमएस, सीटू एवं इन्टक से सम्बद्ध श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर इस अवधि से प्रदेशभर में 10 लाख यात्रियों से हस्ताक्षर कराने का लक्ष्य रखा गया हैं। मोर्चा के अनुसार केन्द्रीय बस स्टेण्ड सिंधी कैम्प पर अभियान शुरू करने के समय आयोजित आमसभा में एटक के धर्मवीर चौधरी, बीएमएस के नाहर सिंह राजावत एवं सीटू के किशन सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीयकृत मार्गो को अराष्ट्रीयकृत करके निजी बस माफिया की बसों को रोडवेज की बसों के समानान्तर चलाने को रोडवेज विरोधी साजिश बताया।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित राजस्थान राज्य बस अड्डा सेवा निगम के माध्यम से रोडवेज बस अड्डों को आधुनिकीकरण के नाम पर चहेते बिल्डर्स माफिया क ो व्यावसायिक निर्माण के लिए सौंपने को तैयारी की जा रही है। सभी ने जनहित में उक्त प्रस्तावों को तुरंत वापस लेकर रोडवेज का विकास करने एवं राष्ट्रीयकृत मार्गो पर धड़ल्ले से बेरोकटोक चल रहे अवैध वाहन संचालन को रोकने का आग्रह किया है।
उन्होंने जनता को आग्रह किया कि यदि ये प्रस्ताव लागू हुए तो जनता रोडवेज की बेहतर यात्री सुविधाओं से वंचित हो जाएगी। इसलिए अधिक से अधिक यात्रियों द्वारा मुख्यमंत्री के निमित्त पत्र पर हस्ताक्षर किया जाना अपेक्षित हैं।
उल्लेखनीय है कि मोर्चे के आह्वान पर गत 6 सितम्बर से सांसदों, विधायकों, जिला प्रमुखों, प्रधानों, सरपंचों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों, केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों, राज्य कर्मचारी संगठनों, बैंक व बीमा कर्मचारी संगठनों, किसान संगठनों, छात्र संगठनों, महिला संगठनों व पत्रकार संगठनों आदि से राजे के निमित्त पत्र भिजवाने का अभियान भी चलाया जा रहा है।