24 हजार दीपक से दीप महायज्ञ -गायत्री परिवार का आयोजन
सबगुरू न्युज उदयपुर। भारतीय संस्कृति में 16 प्रमुख संस्कार बताए गए हैं। हमारी संस्कृति में इन सभी संस्कारों की बहुत महता है। वर्तमान समय बहुत उथल-पुथल भरा है। देश का फिर से निर्माण हो रहा है और इसमें संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश का हर बच्चा संस्कारमय हो, यही समय की मांग है।
यह बात शांतिकुंज हरिद्वार से आए वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र कपिल केसरी ने कही। वे शुक्रवार को यहां राजसमंद में चल रहे अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती समारोह को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में उथल-पुथल मच रही है। पहले विश्व की संस्कृति भारत से थी। भारत की इसी संस्कृति को फिर से जीवंत बनाते हुए हमें विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। जिससे भारत फिर से विश्वगुरु की पदवी हासिल कर सके।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए हमें देश में विद्यमान सभी संगठनों को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि पुष्टीकरण भारतीय संस्कृति का अंग रहा है। उसे धार देने के लिए गायत्री परिवार नाना प्रकार के धार्मिक आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में 16 ही संस्कार बहुत महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान समय में देवता सुषुप्तावस्था में हैं और उन्हें जागृत करने के लिए गायत्री परिवार की ओर से जगह-जगह धर्म की ज्वालाएं प्रज्वलित की जा रही हैं। इसी कड़ी में राजसमंद में अश्वमेध यज्ञ का रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम में राजस्थान जोन प्रभारी दिनेश पटेल ने गुरु दीक्षा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब वापस नवयुग आ रहा है। इसके लिए हम सभी को गुरु पण्डित श्रीराम शर्मा का सजल सैनिक बनना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से युग निर्माण में तन-मन और धन से लगने का आह्वान किया।
एक हजार लोगों ने ली गुरु दीक्षा
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई संस्कार आयोजित किए गए। अन्नप्राशन, पुंसवन, यज्ञोपवित, गुरु दीक्षा सहित विभिन्न संस्कार सम्पन्न हुए। कार्यक्रम में करीब एक हजार लोगों ने गुरु दीक्षा ली। दोपहर दो बजे लोक आराधन, समयदान संगोष्ठी का आयोजन शुरू हुआ। इसमें वक्ताओं ने धर्म के कार्यों में समय दान के महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम में मंत्री अनिता भदेल अतिथि रहीं।
दीपयज्ञ शाम को
शुक्रवार शाम सात बजे आयोजन स्थल पर दीप महायज्ञ होगा। इस अवसर पर 24 हजार दीपक एक साथ प्रज्वलित किए जाएंगे। शिक्षकों की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए शिक्षक सम्मेलन का आयोजन भी होगा। इसमें गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उच्च शिक्षामंत्री किरण माहेश्वरी व मंत्री अनिता भदेल अतिथि होंगी। इससे पूर्व शुक्रवार सुबह आयोजन स्थल पर प्रतिदिन की भांति समूह साधना व योग-प्राणायाम का आयोजन किया गया।