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सिंहस्थ में उमड़ रही लाखों भक्तों की भीड़, धर्ममय बना वातावरण - Sabguru News
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सिंहस्थ में उमड़ रही लाखों भक्तों की भीड़, धर्ममय बना वातावरण

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सिंहस्थ में उमड़ रही लाखों भक्तों की भीड़, धर्ममय बना वातावरण
Simhasth kumbh mahaparv in ujjain
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उज्जैन। सिंहस्थ कुंभ में लाखों भक्तों की भीड तथा संध्या के समय होने वाली मां क्षिप्रा की आरती का दृश्य जहां एक अलग अनुभूति कराता है तो वहीं धर्म की पवित्र गंगा में गोते लगा लोग अपने आपको धन्य मान रहे हैं।

संध्या के लगभग चार बजे से ही बडी संख्या में भक्त यहां घाटों पर बनी सीढियों पर अपना स्थान सुरक्षित करने लग जाते हैं। इस दौरान कौन कहां से आया है किसके परिवार कितने सदस्य हैं के साथ अपने अनुभवों को एक दूसरे साझा करने का अवसर का लाभ भी उठाते रहते हैं।

जैसे ही संध्या के समय मंदिरों घाटों पर लगी आर्कषक लाईटें जलती हैं मानों सारा वातावरण एवं धर्म के रंग में रंगीन हो जाता है लोगों के उत्साह का ठिकाना नहीं रहता है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में सनातन धर्म का एक महान पर्व कुंभ का आयोजन चल रहा है जहां सारे विश्व के लोग यहां आ रहे हैं।

लाखों भक्तों का प्रतिदिन आना जाना जारी है,शाही स्नान के दिनों में इसकी संख्या बढ जाती है। साधु-संयासियों के अखाडे में ही लाखों की संख्या में स्थाई आर्थात् पूरे कुंभ की अवधि के लिये निवास बनाए हुए हैं।

प्रतिदिन जहां लोग डुबकी लगा रहे हैं तो वहीं मां क्षिप्रा की आरती में सहभागिता कर रहे हैं। शंखों घडियालों की पवित्र धुन के साथ लोगों की तालियां भी एक अलग आनंद की अनुभूति कराती है। लगभग एक घंटे से अधिक चलने वाली उक्त धार्मिक प्रक्रिया में धर्म गंगा स्वयं भक्तों को अपना आशीर्वाद दे रही हों एैसा भक्तों को महसूस होने के अनुभव को लोग बतलाते हैं।

धर्म के साथ सामाजिक समरसता का एक पवित्र उदाहरण यहां देखने को मिलता है। यहां आए अनेक वर्ण के लोगों ने चर्चा के दौरान बतलाया कि हम सभी एक ही धर्म के हैं सभी हिन्दु भाई बहिन हैं। आंन्ध्र प्रदेश से आये एक दंपती ने अपने अनुभव बतलाए तो वहीं उडिसा से आए हुए एक परिवार ने बतलाया कि भगवान का आर्शीवाद लेने आए हुए हैं।

इसी क्रम में आसाम और नेपाल से आया हुआ परिवार कहता है कि भगवान के दर्शन के साथ साधु संतो का आशीर्वाद भी लिया है। घाट पर आरती के दौरान उपस्थित बडी संख्या में महिला पुरूषों ने कहा कि लगभग प्रत्येक पंडाल में साधु-संत स्वयं स्वादिष्ट भोजन करा रहे हैं किसी प्रकार की समस्या नहीं है। बैंगलुरु से आए अतुल्य दुबे ने कहा कि इतने व्यापक स्तर पर प्रकृति की पूजा देखने का यह मेरे जीवन का पहला अवसर है।