उज्जैन। सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में सिंहस्थ की स्थानीय समिति के अध्यक्ष दिवाकर नातू की अध्यक्षता में रविवार को हुई 22 उप समिति के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों की बैठक में अचानक हंगामा हो गया और सभी अध्यक्षों, उपाध्यक्षों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
सभी का आरोप रहा कि सिंहस्थ के प्रारंभ में ही जो स्थिति बन रही है, उसे देखते हुए काम करना मुश्किल है। सभी ने मांग की जो अव्यवस्थाएं बनी है, उसके जवाब देने के लिए कलेक्टर, एसपी और मेलाधिकारी बैठक में आए तथा अध्यक्षों, उपाध्यक्षों के प्रश्नों का जवाब दे।
दिवाकर नातू ने बैठक की शुरूआत में आक्रोश व्यक्त किया कि शहर में हर चौराहे पर चाहे वहां आवश्यकता हो या नहीं, पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही है। हालात यह है कि कोई भी कहीं भी रास्ता बंद कर देता है, यातायात रोक देता है। ऐसे में कोई व्यक्ति अपने घर जाए तो कैसे? बाहर से आया व्यक्ति मेले में जाए तो कैसे? बाहर अच्छा संदेश नहीं गया है। मेले में आने से पुलिस रोक रही है, यही बात सामने आ रही है।
नातू ने कहा कि इस सब और अन्य बातों को लेकर मैंने आपको यहां आमंत्रित किया है। आप सभी सुझाव दें तथा आपकी उप समितियों को काम करने में कहां परेशानी आ रही है, बताएं।
नातू के इतना कहते ही समितियों के अध्यक्षों,उपाध्यक्षों ने आक्रोश के साथ अपनी बात रखना प्रारंभ कर दी। आक्रोश इतना गंभीर था कि सीधे प्रशासन एवं पुलिस के खिलाफ आरोप लगे और दावा किया गया कि वे इस बात के सबूत भी दे सकते हैं।
उविप्रा के पूर्व अध्यक्ष किशोर खण्डेलवाल ने कहाकि पुलिस पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दे और करा ले सिंहस्थ। कोई नहीं आएगा घाटों तक, संतों के पड़ावों तक। वैसे भी पहला अमृत स्नान निर्जिव सिंहस्थ का था। अब पुलिस और सख्ती कर दे ताकि लोग आए ही नहीं और पुलिस की मन की हो जाए। हम सड़क पर आ गए तो मुश्किल हो जाएगी।
पूर्व विधायक शिवनारायण जागीरदार ने कहाकि यहां बैठे सभी जानते हैं कि प्रशासन और पुलिस किस प्रकार से तानाशाही कर रहा है, इसे रोका जाए।
पूर्व विधायक शिवा कोटवाणी ने कहाकि उप समितियां अपना काम नहीं कर पा रही है। मेले में जाने से पुलिस रोक रही है। इससे तो अच्छा है कि हम अपना इस्तीफा दे दें।
सेवादल प्रभारी प्रकाश चित्तौड़ा ने कहाकि मेला स्थल के अति निकटतम स्थान तक जनता को ले जाना होगा। इस समय तो समिति सदस्य ही परेशान हो रहे हैं। ऐसे में आम श्रद्धालुओं की दुर्गती समझी जा सकती है।
एमआयसी सदस्य सत्यनारायण चौहान ने कहाकि हमारे सफाईकर्मियों को काम नहीं करने दिया जा रहा है। मेलाधिकारी अविनाश लवानिया ने शिकायत करने पर कहाकि सभी सफाईकर्मियों को लाल बत्ती की गाड़ी दे दो?
मुकेश जोशी ने कहाकि अधिकारियों को चुनाव नहीं लड़ना है और न ही जीताना है। हमारे कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे दो। हम करा लेंगे सिंहस्थ। वैसे भी पुलिस की जीपें अधिकारियों के परिवारों को लेकर घूम रही है मेला क्षेत्र में। महेन्द्र गादिया ने कहाकि कलेक्टर, एसपी, मेलाधिकारी को बुलाओ ताकि हम समस्या सुना दें।
मुकेश लड्ढा ने अपना पास दिवाकर नातू को जमा करके कहाकि ऐसे पास से क्या मतलब, जिसे पुलिस ही नहीं मानती है। उनके कदम का अन्यों ने भी अनुसरण किया। शील लश्करी ने कहाकि इसके लिए भी अब जनआंदोलन करना पड़ेगा।
सिंहस्थ संकट में-गंदगी पसरी,पानी भी नहीं : नातू
इधर बैठक के प्रारंभ में सिंहस्थ मेला प्राधिकरण एवं स्थानीय समिति के अध्यक्ष दिवाकर नातू ने कहाकि सिंहस्थ संकट में है। अखाड़ों में जाकर स्थिति देखी, पानी नहीं है। वहीं शौचालयों में गंदगी पसरी है। मेले में बीमारी फैलने का भय उत्पन्न हो गया है। तब ऐसा संकट आएगा, जिसको कोई नहीं संभाल पाएगा।
समय रहते सफाई करना होगी वहीं पानी भी उपलब्ध कराना होगा। प्रशासन को चेताया है। कितना अमल होता है, पता नहीं। बैसिक व्यवस्थाएं फेल हो गई है। कोई सुनना नहीं चाहता। मैरा काम चर्चा करना और जानकारी देना है,सो मैं कर रहा हूं। किससे कहें,किसकी सुने,समझ नहीं आता। सिंहस्थ फेल हुआ तो सरकार के खाते बदनामी जाएगी। हमें तो अपना काम सकारात्मक ही करना है।