गुना। सिंहस्थ से अपने घर वापस लौट रही एक महिला श्रद्धालु की मंगलवार को गुना स्टेशन पर ट्रेन से कटकर मौत हो गई, वहीं इसी घटना में एक अन्य श्रद्धालु गंभीर रुप से घायल हुआ है।
दुर्घटना सुबह कोटा-भिंड ट्रेन से प्लेटफार्म क्रमांक 2 पर हुई और इसका कारण स्टेशन पर भारी जनसैलाब के कारण फैली अव्यवस्थाएं बताया जा रहा है। इसके चलते धक्का-मुक्की में दुर्घटना हो गई। इसके साथ ही एक अन्य दुर्घटना में बीती रात मालगाड़ी के नीचे से निकलते समय ट्रेन चलने से एक व्यक्ति के पैर कट गए।
दोनों घटनाओं के घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं इन घटनाओं से रेलवे द्वारा सिंहस्थ के मद्देनजर की गई तैयारियों एवं दावों की पोल भी खुलकर सामने आ गई है।
उल्लेखनीय है कि स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने और भारी अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी रेलवे ध्यान नहीं दे रहा है।
धक्का लगने से ट्रेन के नीचे गिरी थी महिला
बताया जाता है कि मुरैना निवासी ऊषा बाई पत्नी नरेंद्र सिंह तोमर अपनी बेटी के साथ सिंहस्थ का पर्व स्नान कर वापस अपने घर लौट रहीं थी। ऊषा बाई मेला स्पेशल ट्रेन से मंगलवार सुबह गुना पहुंचीं थीं और स्टेशन पर मुरैना जाने के लिए कोटा-भिंड ट्रेन का इंतजार कर रहीं थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रेन आने के दौरान स्टेशन पर रुकने से पहले ही यात्री उसमें चढऩे लग गए। इ्रनमें ऊषा बाई भी शामिल रही। इसी दरिम्याना पीछे से यात्रियों का धक्का लगने से ऊषा बाई पटरियों पर गिर गई। जिससे ट्रेन से कटकर उनकी मौत हो गई।
पीछे से एक अन्य श्रद्धालु भी गिरा
बताया जाता है कि इसी घटना में पीछे से धक्का लगन से एक अन्य श्रद्धालु भिंड निवासी माताप्रसाद पुजारी भी महिला के पीछे पटरी पर गिरकर ट्रेन की चपेट में आ गया था। माता प्रसाद के एक हाथ और एक पैर में चोट आई है। पुलिस ने उक्त व्यक्ति को तत्काल जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार माताप्रसाद के गिरने के साथ ही ट्रेन रुक गई थी, जिससे वह बच गया।
मालगाड़ी से पैर कटा
इससे पहले बीती रात भी एक श्रद्धालु ट्रेन दुर्घटना का शिकार हुआ। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के उरैया निवासी शिवकरण यादव सिंहस्थ से लौट रहा था। इसी दौरान बीती रात स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से नीचे से निकलने की कोशिश के दौरान उसका एक पैर कट गया। दरअसल उक्त श्रद्धालु के निकलने के दौरान ही ट्रेन चल पड़ी। उक्त श्रद्धालु मानसिक रुप से कमजोर बताया जाता है। फिलहाल वह अस्पताल में उपचारत है।
धरे रह गए रेलवे के तमाम दावे
सिंहस्थ को लेकर रेलवे द्वारा किए गए तमाम दावे धरे रह गए है, वहीं तैयारियों को लेकर जो ढोल उसके द्वारा पीटा जा रहा था, उसकी पोल भी खुल गई है। दरअसल स्टेशन पर अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालु खासी परेशानी का सामना कर रहे हैं। अन्य व्यवस्थाओं की क्या कहे? रेलवे स्टेशन पर साफ-सफाई बेहतर रखने के साथ ही श्रद्धालु यात्रियों की सुरक्षा का इंतजाम तक नहीं कर पा रहा है।
मौके पर साफ तौर पर देखा जा सकता है की रेलवे सिहंस्थ जाने के लिए स्टशन पर उमड़ रहे श्रद्धालुओं के सैलाब को संभाल पाने में असर्मथ साबित हो रहा है, जबकि रेलवे जितने श्रद्धालुओं के हिसाब से तैयारियों का दावा कर रहा था, उससे अभी आधे श्रद्धालु ही गुना स्टेशन पर पहुँच रहे है।
ट्रेन आते ही मचती है धमा चौकड़ी
रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं का सैलाब संभालने की कोई व्यवस्था नहीं है। आलम यह है कि स्टेशन श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है और अफरा-तफरी की स्थिति मची रहती है। इसके बाद जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची है तो श्रद्धालुओं के बीच धमाचौकड़ी मचने लगती है। हर श्रद्धालु ट्रेन में किसी भी तरह चढऩे की कोशिश में लगा रहता है, इसके लिए ट्रेन रुकने तक का इंतजार नहीं किया जाता है।
श्रद्धालु प्लेटफार्म के नीचे तक उतर आते हैं और दूसरी तरफ पटरियों से ट्रेन में चढऩे का प्रयास करते है, यहां तक की गाड़ी में चढऩे के चक्कर में पटरियों पर भी खड़े हो जाते हैं। इसी के चलते दुर्घटनाएं सामने आती है। इस दौरान व्यवस्था संभालने के लिए स्टेशन पर कोई दिखाई नहीं देता है। सब कुछ श्रद्धालु अपने स्तर पर ही करते है।
नहीं हो पा रही है सफाई
स्टेशन पर रेलवे सफाई तक नहीं करा पा रहा है। स्टेशन पर परिसर में नए शौचालय बनाएं हैं उनमें नियमित सफाई नहीं की जा रही है। इसके अलावा पटरियों के बीच में भारी गंदगी व्याप्त है।