अजमेर। सिन्धी भाषा व संस्कारों का ज्ञान करवाने के लिए विद्यार्थियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में बाल संस्कार शिविरों से जोडा गया है। भारतीय सिन्धु सभा, सभी सिंधी पंचायतों, सामाजिक संस्थाओं का यह कार्य प्रशंसनीय है।
ये विचार निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास उदासी व स्वामी बंसतराम ट्रस्ट प्रेम प्रकाश आश्रम के स्वामी ओमलाल शास्त्री ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को प्रारम्भ से ही महापुरूषों के जीवन के प्रसंगों, संस्कारों का ज्ञान कराना सनातन धर्म का प्रेरणामय कार्य है।
भारतीय सिन्धु सभा प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी व संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी ने बताया कि सिन्धी भाषा की मान्यता के स्वर्ण जयंती वर्ष में राज्यभर में 150 सिन्धी बाल संस्कार शिविरों के आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा ज्ञान परीक्षाएं, सिन्धी भाषा के प्रसार के लिए संभाग स्तरीय रथ यात्राएं सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
स्वागत भाषण दयाल कलवाणी ने दिया तथा भूमि करनाणी ने आभार जताया। समारोह का संचालन अध्यक्ष पुष्पा साधवाणी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत झूलेलाल, भारत माता, मां सरस्वती, स्वामी टेउराम के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।
शिविर में सम्मिलित हुए शिविरार्थियों को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। मशहूर कलाकार घनश्याम भगत के सान्निध्य में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विजेताओं को सम्मानित किया गया।
शिविर में भारती रामचंदाणी व हर्षा कलवाणी ने शिक्षण कार्य, भूमि, लीला आसवाणी, सीता पमनाणी, रेखा तोलवाणी, कमला, हरदेवी, शीला, हेमा व कान्ता ने शिविर संचालन में सहयोग किया।
महानगर अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी ने बताया कि शहर के विभिन्न नगरों में सिन्धी बाल संस्कार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।