मुंबई। सिंधुदुर्ग में डंपर आंदोलन के दौरान कांग्रेस विधायक नितेश राणे और शिवसेना के वैभव नाईक के खिलाफ पुलिस बल का प्रयोग करने वाले एसपी दत्ता शिंदे को सरकार ने जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया है।
विधानसभा में निवेदन के जरिये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा किया, उन्होंने कहा कि कोंकण विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। सोमवार को आयुक्त की रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों के साथ मारपीट या बल प्रयोग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उसकी निंदा की है और कहा है कि कोंकण विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद बल प्रयोग करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
इससे पूर्व विधानसभा में कांग्रेस विधायक मोहम्मद आरिफ (नसीम) खान ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया। इस मुद्दे पर विधानसभा और विधानपरिषद में जम कर बवाल हुआ। इसके बाद नितेश राणे और वैभव नाइक ने पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार का ब्योरेवार सदन को अवगत कराया।
पुलिस लाठीचार्ज में नाईक को लगी मार का फोटो विधानसभा में शिवसेना विधायकों ने लहराया। इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्रवाई 5 बार स्थगित करनी पडी। इस मामले को गंभीर बताते हुए विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल, जयंत पाटिल, शिवसेना के गुलाबराव पाटिल ने तुरंत दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस मुद्दे पर शिवसेना-कांग्रेस के विधायक एकमत नजर आए। दोनों पार्टियों के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, फिर वहीं बैठ गए। मामला बढ़ता देख मुख्यमंत्री और विरोधी पक्ष नेता के बीच बैठक हुई। इसके बाद सीएम ने निवेदन के जरिए एसपी को छुट्टी पर भेजने का ऐलान कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 4 और 5 मार्च को डंपर चालक और मालिक संघ ने सिंधुदुर्ग जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आंदोलन किया था। यहां 5 तारीख को नितेश राणे और वैभव नाईक उनके समर्थन में गए थे। इसी दौरान पुलिस ने लोगों पर लाठी चार्ज कर दिया, जिसमे विधायक सहित बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। इसी मामले में राणे को जेल भी जाना पड़ा था।