अजमेर। सिंधुपति महाराजा दाहरसेन के 1305वें बलिदान दिवस के अवसर पर पुष्कर रोड हरिभाउ उपाध्याय नगर स्थित सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर पांचवा राष्ट्रीय सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस बार यह सम्मान हरिशेवाधाम रिलीजियस एण्ड चेरिटेबिल ट्रस्ट भीलवाडा को प्रदान किया गया। ट्रस्ट को 51000 रुपए के साथ सम्मान पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
इस मौके पर देशभक्ति भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। हिंगलाज माता की पूजा-अर्चना की गई तथाव दाहरसेन को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। संत महात्माओं ने आशीर्वचन हुए। रंग भरो प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह व मेडल देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने कहा कि महापुरूषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन सभी को प्रेरणा देता है। दाहरसेन स्मारक इस नाते खास पहचान रखता है। यहां आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। महापुरूषों को हजारों वर्षों के बाद याद किए जाते हैं।
महंत स्वरूपदास ने कहा कि वीर व संत के बिना यह धरती नहीं बच सकती। हमारी भी ऐसी संताने हों जो देश के लिए जिए। इस अवसर पर शातानन्द आश्रम के महंत स्वामी हनुमानराम के साथ स्वामी बसंतराम दरबार, अजमेर के सांई ओमप्रकाश शास्त्री व संत महात्माओं का आशीर्वाद प्रदान किया।
राजस्थान सरकार में धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि धरती पर यदि स्वर्ग है तो सिंध है, दाहरसेन के बिना सिंध अधूरा है व आज यह स्मारक बनाना सार्थरक हो गया। सिंध की मोइन जोदड़ों की सभ्यता सबसे पुरानी है। सिंधुमित्र बप्पा रावल का स्मारक के लिए सरकार ने स्वीकृति दी जो शीघ्र पूरा हो रहा है। सिन्ध और हम व हम व सिन्ध एक है।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, उप-महापौर सम्पत सांखला,पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह, भारतीय सिन्धु सभा के जिलाध्यक्ष मोहनलाल आलवाणी ने विचार प्रकट किए।