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sirohi acf write letter to nhai to close adiitional cut on nh 62 near veravilpura
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एक्सक्लूसिव: एसीएफ ने एनएचएआई को लिखा वेराविलपुर का अतिरिक्त कट बंद करने का पत्र

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एक्सक्लूसिव: एसीएफ ने एनएचएआई को लिखा वेराविलपुर का अतिरिक्त कट बंद करने का पत्र
cuts on nh 62 near veravilpur village of sirohi
cuts on nh 62 near veravilpur village of sirohi

परीक्षित मिश्रा-सिरोही। सिरोही-शिवगंज के बीच नेशनल हाइवे संख्या 62 पर वेराविलपुर गांव के निकट बना अतिरिक्त कट को बंद करने के लिए सिरोही उप वन संरक्षक शशिशंकर पाठक ने एनएचएआई के पीडी को पत्र लिखा है। पत्र में इस कट से वन्यजीवों के जीवन पर आने वाले आसन्न संकट का हवाला दिया है।

सिरोही से शिवगंज के बीच वेराविलपुरा गांव के से सिरोही की ओर दो सौ मीटर पर डिवाइडर पर कट दिया हुआ है। इस कट को बंद करने के लिए एसीएफ ने एनएचएआई पीडी को पत्र लिखा है।

पत्र में हाइवे के दूसरी तरफ स्थित वन्यक्षेत्र से वन्यजीवों के विचरण के दौरान इस अतिरिक्त कट का इस्तेमाल करने और वाहनों की चपेट में आने के खतरे के संबंध में एनएचएआई का ध्यानाकर्षित करवाया है। हाल ही में इस कट से ठीक सामने कच्चे रास्ते को वन क्षेत्र में स्थित पीपलेश्वर महादेव मंदिर जाने में तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा था।
-दोनो तरफ वन क्षेत्र
वेराविलपुर में हाइवे के दोनों ओर वन क्षेत्र पडता है। हाइवे के पूर्व दिशा में सिरोही वन खण्ड का जवाई वन खण्ड से जुडा इलाका पडता है। यह पेंथर की बहूलता वाला क्षेत्र है। वहीं हाइवे की पश्चिम दिशा में राजस्थान की सबसे बडी घास वीड से जुडा वन खण्ड पडता है।

अधिकांशतः पेंथर एक क्षेत्र को पार करके दूसरे वन खण्ड में जाता है। कुछ दिन पूर्व ही इसी तरह हाइवे पर एक भालू और एक पेंथर दुर्घटना का शिकार होकर जान गवां चुका है। ऐसे में इस कट के वन्यजीवों के लिए खतरा होने की दलील को काफी बल मिलता है।
-दो सौ मीटर पर दूसरा कट
इस हाइवे पर वेराविलपुर गांव में जाने के लिए दूसरा कट पहले ही है। गांव के वासी इसी कट का इस्तेमाल गांव में आने-जाने के लिए करते हैं। ऐसे में वन विभाग का यह भी मानना है कि किसी आबादी इलाके या आवश्यक सेवा को नहीं जोडने वाले इस कट को बंद करने से किसी तरह का कोई जनहित भी प्रभावित नहीं होगा।
-दो किलोमीटर से पहले नहीं हो सकता कट
नेशनल हाइवे आॅथोरिटी के नियमों के अनुसार फोरलेन और सिक्सलेन पर दो किलोमीटर से दो कट नहीं दिए जा सकते हैं। इस मामले में मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर ही कट दे दिया गया है। ऐसे में इस कट के औचित्य पर पहले से ही स्थानीय स्तर पर सवाल उठते रहे हैं।
-मूल नक्शे में नहीं है यह कट
एनएचएआई के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह कट ब्यावर-पिण्डवाडा नेशनल हाइवे के मूल नक्शे और प्रोजेक्ट रिपोर्ट में नहीं है। दरअसल, विभाग के सूत्रों के अनुसार यह कट दरअसल उस समय इंडिपेंडेंट इंजीनियर की एडवाइस पर वैकल्पिक रूप से सामान को ढोने के लिए रखा गया था। इसके बाद इसे बंद नहीं किया जा सका।

अब एनएचएआई ने वन विभाग के एसीएफ की ओर से लिखे गए पत्र को सिरोही के इंडिपेंडेंट इंजीनियर को भेज दिया है। उनकी एडवाइस आते ही इस कट को बंद किया जा सकता है।
-इनका कहना है…
वेराविलपुर के अतिरिक्त कट को बंद करने के लिए एनएचएआई को पत्र लिखा है। इस अतिरिक्त कट के कारण वन क्षेत्र के वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना रहता है।
शशिशंकर पाठक
एसीएफ, उप वन मंडल सिरोही।