सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही नगर परिषद में भी भाजपा सभापति के खिलाफ भाजपा पार्षदों में असन्तोष व्याप्त है। यहां भी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। दोनों ही जगह भाजपा का ही बोर्ड है।
इधर सोशल मीडिया में भाजपा के सोशल मीडिया जिला प्रभारी हरीश दवे ने ये आशंका जताई है कि पिंडवाड़ा के बाद भाजपा के दूसरे किले भी ध्वस्त हो सकते हैं। सिरोही नगर परिषद और शिवगंज नगर पालिका के पार्षद लंबे समय से सभापति और पालिकाध्यकक्ष से व्यवहार और कार्यप्रणाली से खफा हैं।
शिवगंज के भाजपा पार्षदों ने तो दो महीने पहले वहां की पालिकाध्यकक्ष कंचन देवी के खिलाफ उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी दिया था। वही सिरोही सभापति के व्यवहार और कार्यशैली से सिरोही नगर परिषद में भाजपा पार्षद खफा चल रहे हैं।
पिंडवाड़ा की बीजेपी पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
पूर्व में इन लोगों की शिकायत ये थी कि सभापति ताराराम माली भाजपा नगर अध्यक्ष के कहने में चलते हुए उन्हें नजर अंदाज कर रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों से नगर अध्यक्ष और सभापति में भी दूरियां बढ़ी हैं। ऐसे में अब नगर अध्यक्ष भी भाजपा पार्षदों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
21 जून को नगर परिषद में करीब 1.20 करोड़ रुपए की टेंडर की प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप को लेकर भाजपा नगर अध्यक्ष और भाजपा के पार्षदों ने सामूहिक रूप से नगर परिषद के आयुक्त, अधिशासी अभियंता और एक बाबू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
सभी ने सर्किट हाउस में सिरोही विधायक और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी के समक्ष नगर परिषद के हालतो पर नाराजगी जताई। इस दौरान सभापति ताराराम माली इन सभी के साथ नहीं थे। बाद में पार्षदों ने सभापति की कार्यशैली पर भी नाराजगी जताई।
इधर भाजपा सिरोही के सोशल मीडिया समूह में सिरोही नगर अध्यक्ष ने भी भाजपा पार्षदों से सिरोही नगर परिषद को भ्रष्टाचार और गोदी पुत्रों से मुक्त करवाने का आह्वान किया है। उन्होंने इसमे नगर मंडल की हर तरह से सहयोग की बात भी कही।
वहीं सिरोही शहर में अतिक्रमण हटाने के दौरान मनमानी करवाई और दबंगों को छोड़ने पर भी उन्होंने नाराजगी जताते हुए भाजपा के चीर हरण को रोकने का आह्वान किया है।
कांग्रेस हुई सक्रिय
पिंडवाड़ा में भाजपा की पालिकाध्यकक्ष खुशबू राजपुरोहित के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कांग्रेस सिरोही और शिवगंज नगर निकायों के भाजपा के निकाय प्रमुखों के खिलाफ भाजपा पार्षदों में भरे आक्रोश को भुनाने के प्रयास में लग गई है।
सूत्रों की मानें तो पिण्डवाड़ा नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाने से पूर्व वहां के भाजपा पार्षद सिरोही में कांग्रेस के कद्दावर नेता से कानूनी और विधायी प्रक्रिया के लिए संपर्क में रहे।
पिण्डवाड़ा नगर पालिका में पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित के दौरान भाजपा पार्षदों के नही डिगने से अब कांग्रेस का सिरोही और शिवगंज नगर निकायों में भी भाजपा पार्षदों पर विश्वास बना है, जिससे वह यहां भी बड़ी रिस्क ले सकती है।
पिण्डवाड़ा के मामले में सिरोही कांग्रेस के कद्दावर नेता की मेरे पार्षद तुम्हारे तुम अविश्वास प्रस्ताव लाओ के वादे और भाजपा की फूट और असंतोष को भुनाने की रणनीति के आगे मंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष पूरी तरह से विफल रहे।
मंत्री, सांसद और जिलाध्यक्ष पूरी तरह विफल
सिरोही जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ भाजपा के जनप्रतिनिधियों में भी यहां के सांसद, मंत्री, विधायक और जिलाध्यक्ष विश्वास बहाल करवाने में विफल साबित हुए हैं। पिण्डवाड़ा की पालिकाध्यकक्ष इन्हीं लोगों की सहमति से ही हाई कमान ने तय किया था।
सिरोही और शिवगंज के निकाय प्रमुखों को भी सबकी सहमति और वरदहस्त के कारण पार्षदों ने चुना था, लेकिन ये लोग पार्षदों और जनता की अनदेखी किए जाने पर अंकुश नहीं लगा सके, परिणामस्वरूप पिण्डवाड़ा नगर पालिका में द्वारा थोपे हुए पालिकाध्यक्ष को उन्हीं की पार्टी के पार्षदों ने हटा दिया। अब सिरोही और शिवगंज में भी यही स्थिति आने की प्रबल आशंका हैं।
पिण्डवाड़ा का तख्ता पलट एक तरह से वहां के विधायक समाराम गरासिया के लिए भी चेतावनी है कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके लिए आसान नहीं होगा। उन्हें अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ सकता है।
यहां की पालिकाध्यकक्ष के चुनाव में यहां के विधायक की भी सहमति जताई जा रही है, इसके बाद भी इस पालिकाध्यकक्ष की कार्यप्रणाली से विधायक पार्षदों को निजात नहीं दिलवा पाए, जिसका आक्रोश पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के रूप में निकाला।