पटना। बिहार में सीवान जिले के चर्चित तेजाब हत्याकांड में निचली अदालत से उम्र कैद की सजा पाए पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को पटना उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली।
उच्च न्यायालय ने इस मामले में बुधवार को अपने फैसले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। पटना उच्च न्यायालय ने तेजाब हत्याकांड में शहाबुद्दीन द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा है।
उल्लेखनीय है कि सीवान के बाहुबली राजद नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन इसी मामले में फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
शहाबुद्दीन को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन के वकील ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाज खटखटाया था।
सीवान की एक अदालत ने इस मामले में 11 दिसंबर, 2015 को दो भाइयों की तेजाब डालकर हत्या कर देने के मामले में शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि 16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था।
इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर मामला दर्ज किया गया था। हत्याकांड के गवाह और मृतकों के भाई राजीव ने अदालत को बताया था कि वारदात के समय पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खुद वहां उपस्थित थे। बाद में राजीव की भी हत्या कर दी गई थी। शहाबुद्दीन इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।